सूरत : सरकारी स्कूल में दाखिले के लिए आधा किलोमीटर लंबी लाइन
कम फीस, बेहतर शिक्षा और कठिन आर्थिक हालात में हीरा श्रमिकों की पहली पसंद बनी सरकारी स्कूलें
सूरत। देशभर में जहां आमतौर पर निजी स्कूलों को प्राथमिकता दी जाती है, वहीं सूरत में सरकारी स्कूलों में दाखिला पाने के लिए अभिभावकों की भीड़ उमड़ रही है। हीरा उद्योग की मौजूदा कठिन परिस्थिति और सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता शिक्षा व कम फीस के चलते हीरा श्रमिक व ज्वैलर्स अब सरकारी स्कूलों को तरजीह दे रहे हैं।
शहर के अमरोली क्षेत्र स्थित महाराजा कृष्णकुमारसिंहजी प्राथमिक विद्यालय क्रमांक 334 में शुक्ववार सुबह का दृश्य अलग ही था। यहां दाखिले के लिए आधा किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई थी। अभिभावक सुबह-सुबह चार से पांच घंटे पहले स्कूल के बाहर लाइन में लग गए ताकि अपने बच्चों को सीमित 500 सीटों में एक जगह दिला सकें, जबकि लगभग 5000 अभिभावक फॉर्म भर रहे हैं।
नगर प्राथमिक शिक्षा समिति की ओर से मिशन प्रवेश के तहत यह प्रक्रिया चलाई जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि अब निजी स्कूलों से बच्चों को निकालकर अभिभावक उन्हें सरकारी स्कूलों में दाखिला दिला रहे हैं।
एक अभिभावक ने बताया कि, "हमने पहले निजी स्कूल में दाखिला कराया था, लेकिन अब फीस बहुत अधिक हो गई है। सरकारी स्कूलों में अब पढ़ाई की गुणवत्ता भी अच्छी है और यहां बच्चों को जरूरी सुविधाएं भी मिल रही हैं।"
सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों का यह बढ़ता विश्वास इस बात का संकेत है कि यदि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर सुधार लाए, तो सरकारी विद्यालय भी निजी संस्थानों को टक्कर दे सकते हैं।