सूरत : सूरत में पहली बार पश्चिमी कीर्तन के साथ श्रीमद्भगवद्गीता पाठ्यक्रम का हुआ आयोजन

पारस पांधी की गीता व्याख्या और उर्वशीबेन रादडिया के कीर्तन ने सरदार स्मृति भवन को किया भक्तिमय

सूरत : सूरत में पहली बार पश्चिमी कीर्तन के साथ श्रीमद्भगवद्गीता पाठ्यक्रम का हुआ आयोजन

सूरत शहर में आध्यात्मिक जागरूकता और भक्ति रस का एक अद्भुत संगम देखने को मिला, जब सोशल आर्मी ग्रुप द्वारा 9 से 11 अप्रैल 2025 तक सरदार स्मृति भवन, वराछा में तीन दिवसीय श्रीमद्भगवद्गीता पाठ्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन की सबसे अनूठी विशेषता यह रही कि प्रथम बार गीता पाठ्यक्रम में पश्चिमी कीर्तन शैली को सम्मिलित किया गया। इस नई पहल ने श्रद्धालुओं को एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया।

प्रसिद्ध वक्ता पारस पांधी ने श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों का गूढ़ अर्थ और जीवन से जुड़ा हुआ संदेश अत्यंत सरल एवं प्रभावशाली शैली में प्रस्तुत किया।  लोकप्रिय भजन गायिका उर्वशीबेन रादडिया ने पश्चिमी संगीत शैली में कीर्तन प्रस्तुत कर श्रोताओं को भक्ति की मधुर लहरों में बहा दिया। उनका गायन पूरे सभागार को भक्तिरस में डुबो गया। 

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इस भव्य आध्यात्मिक कार्यक्रम में सूरत शहर के प्रमुख उद्योगपति एवं समाजसेवी गोविंद काका ढोलकिया (संस्थापक, श्री रामकृष्ण एक्सपोर्ट्स), विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में कृष्ण-भक्तों ने भाग लिया। सभी ने इस आयोजन को आध्यात्मिक उत्सव के रूप में सराहा।

तीन दिवसीय इस पाठ्यक्रम ने सूरतवासियों के लिए ज्ञान, भक्ति और सांस्कृतिक नवाचार का नया अध्याय खोला। पारंपरिक गीता ज्ञान को आधुनिक संगीत शैली से जोड़कर नई पीढ़ी तक इसकी पहुँच बनाने का यह प्रयास सफल और सराहनीय रहा। सोशल आर्मी ग्रुप के इस आयोजन ने न केवल धार्मिक जागरूकता को बढ़ावा दिया, बल्कि गीता ज्ञान को एक आधुनिक प्रस्तुति के माध्यम से समकालीन समाज के करीब लाने का अद्भुत प्रयास किया है।

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