गुजरात : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की प्रेरक उपस्थिति में गांधीनगर में नायरा एनर्जी के राज्य सरकार के साथ दो एमओयू हुए

तीन वर्ष के लिए कुल 12 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा

गुजरात : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की प्रेरक उपस्थिति में गांधीनगर में नायरा एनर्जी के राज्य सरकार के साथ दो एमओयू हुए

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की प्रेरक उपस्थिति में राज्य सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग तथा शिक्षा विभाग के अधीनस्थ विद्या समीक्षा केन्द्र के साथ मंगलवार को गांधीनगर में नायरा एनर्जी ने दो एमओयू पर हस्ताक्षर किए। नायरा एनर्जी ने वन विभाग के साथ जो एमओयू किया है, उसके अनुसार नायरा एनर्जी जामनगर जिले में खिजडिया पक्षी अभयारण्य (केआरएस) के संरक्षण एवं पुनर्स्थापन प्रोजेक्ट के लिए वित्तीय सहयोग देगी। समग्रतया तीन वर्ष के लिए कुल 12 करोड़ रुपए की लागत से शुरू किए जाने वाले इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत वेटलैंड (आर्द्रभूमि) की पर्यावरणीय परिस्थितियों में सुधार, स्थानीय जैवविविधता में सुधार तथा वेटलैंड्स एवं उससे जुड़ी गतिविधियों के संचालन में स्थानीय भागीदारों की भागीदारी को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

इतना ही नहीं; अभयारण्य के कार्यक्षेत्र में स्थानीय समुदायों के लिए लाभदायी जलभूमि के इकोलॉजिकल तथा हाइड्रोलॉजिकल स्वास्थ्य को सुधारने एवं अतिक्रमणयुक्त जैवविविधता को कम करने में मदद मिलेगी। इस प्रोजेक्ट में मुख्यतः इकोटूरिज्म को प्रोत्साहन, वेटलैंड पुनर्स्थापन एवं संरक्षण, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तथा कैपेसिटी बिल्डिंग को शामिल किया गया है।

यहाँ उल्लेख करना आवश्यक है कि खिजडिया पक्षी अभयारण्य तथा उसके आसपास के भौगोलिक क्षेत्रों की विविधताओं के कारण इस रामसर (अंतरराष्ट्रीय महत्व के जलप्लावित क्षेत्र) स्थल पर विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं। 185 प्रकार के पौधे, 23 प्रकार के पतंगे-तितलियाँ, 21 प्रकार के ड्रैगनफ्लाई, सरिसृप वर्ग के विभिन्न जीव, 9 प्रकार की मछलियों तथा झींगे की प्रजातियाँ और 321 प्रकार के पक्षी शामिल हैं। इन 321 प्रकार के पक्षियों में 125 जलचर तथा 9 स्तनधारी प्रजातियाँ हैं।इस प्रकार; इस अभयारण्य में पाई जाने वाली प्रजातियों में इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर की संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची ‘रेड लिस्ट’ के अनुसार 29 उल्लेखनीय महत्व वाली प्रजातियाँ शामिल हैं।

खिजडिया के स्थानीय जल विज्ञान नियमन में खिजडिया की भूमिका तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था एवं सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने में खिजडिया का योगदान महत्वपूर्ण है। बरसाती तथा बहते जल से भूमिगत जल को रिचार्ज किया जाता है, जिससे जमीन में क्षार का प्रवेश नियंत्रित होता है। यह खिजडिया पक्षी अभयारण्य पाँच गाँवों (इकोसेसेंटिव जोन) से घिरा हुआ है। इनमें खिजडिया, धुवाव, जांबुडा, सचाणा तथा विभापर गाँव 1 से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। एमओयू में कहा गया है कि खिजडिया पक्षी अभयारण्य के संरक्षण एवं पुनर्स्थापन के इस प्रोजेक्ट में वन विभाग क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में तथा नायरा एनर्जी वित्तीय व अन्य संसाधन सहयोग एजेंसी के रूप में कार्य करेंगे।

शिक्षा विभाग के साथ एमओयू

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में नायरा एनर्जी के राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के विद्या समीक्षा केन्द्र के साथ हुए समझौते के फलस्वरूप जामनगर तथा देवभूमि द्वारका जिलों की 1300 सरकारी शालाओं एवं आँगनबाड़ियों में पठन गतिविधियों को वेग मिलेगा। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए नायरा एनर्जी आगामी शैक्षणिक सत्र अप्रैल 2025 से तीन वर्ष यानी मार्च 2028 तक यह प्रोजेक्ट चलाएगी। जामनगर एवं देवभूमि द्वारका के हर सरकारी विद्यालय में अंग्रेजी व गुजराती भाषा की 150 पुस्तकें प्रदान की जाएंगी। 1900 आँगनबाड़ियों में बच्चे समझ सकें; ऐसी भाषा में 90 पुस्तकें प्रदान की जाएंगी, जो बच्चों में प्रारंभिक साक्षरता विकसित करेंगी। कुल मिलाकर इस प्रोजेक्ट के कार्यरत होने से लगभग 3,75,000 पुस्तकों के वितरण द्वारा पठन एवं नई सीख के लिए सुदृढ़ आधार का निर्माण होगा।

इसके अतिरिक्त; शिक्षकों व ग्रंथपालों को ग्रंथालय प्रबंधन एवं पठन संलग्नता संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिसके फलस्वरूप संसाधनों का प्रभावी उपयोग तथा टिकाऊ प्रभाव सुनिश्चित होगा। इतना ही नहीं; डिजिटल पठन की उपलब्धता एवं डिजिटल ढाँचे को सुदृढ़ बनाने की यह पहल डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करने पर ध्यान केन्द्रित करेगी और वर्तमान डिजिटल ढाँचे का उपयोग कर स्मार्ट क्लासरूम, कम्प्यूटर लैब अथवा टैबलेट से सर्च शालाओं के पाठ्यक्रम में डिजिटल पठन सत्रों को एकीकृत करेगी। साथ ही साथ; शिक्षकों को शिक्षा में ओपन सोर्स डिजिटल लाइब्रेरियों का उपयोग करने तथा डिजिटल पठन एवं क्लासरूम में एकीकृत करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करने संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

यह समग्र पहल सुदृढ़ पठन संस्कृति के निर्माण के गुजरात के प्रयासों को और गति देगी। इस एमओयू से विभिन्न शिक्षा स्तरों के बच्चों के लिए गुणवत्तायुक्त बहुभाषी पठन सामग्री का विस्तार करने, आँगनबाड़ियों के बच्चों में बचपन से ही साक्षरता को सुदृढ़ बनाने, भौतिक एवं डिजिटल साक्षरता संसाधनों पर प्रशिक्षण द्वारा शिक्षकों को शक्त बनाने, पठन में सुलभता तथा समावेशी संभावना बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी तथा ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग करने जैसे सर्वग्राही विषयों को नई दिशा मिलेगी।

इस एमओयू हस्ताक्षर अवसर पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एम. के. दास, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव मुकेश कुमार, वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव संजीव कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक जयपाल सिंह, समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक रंजीत कुमार तथा नायरा एनर्जी के 
वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।