राजकोट : हीटवेव का खतरनाक असर, गुजरात में हृदयाघात के मामलों में 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी
गर्मी के बढ़ते तापमान से दिल के मरीजों पर बढ़ा संकट, दो महीने में 3201 कार्डियक अरेस्ट के मामले दर्ज
गुजरात में इस साल गर्मी का प्रकोप सामान्य से कहीं अधिक देखा जा रहा है। शुरुआती महीनों में ही तापमान में असामान्य वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। खासकर, कार्डियक अरेस्ट (हृदयाघात) के मामलों में पिछले साल की तुलना में 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
108 आपातकालीन सेवाओं के आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 में जनवरी से दिसंबर तक कुल 10,517 कार्डियक अरेस्ट के मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 14,773 तक पहुंच गई। 2025 के शुरुआती दो महीनों में ही 3201 मामले दर्ज किए गए हैं, जो चिंताजनक संकेत हैं।
गर्म मौसम हृदय के लिए क्यों घातक?
विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी और हीटवेव के दौरान हृदय को अधिक रक्त पंप करना पड़ता है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) से रक्त गाढ़ा हो जाता है, जिससे रक्त संचार प्रभावित होता है और दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है। हीटवेव के कारण रक्त वाहिकाएं संकुचित हो सकती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। पहले से हृदय रोग से पीड़ित मरीजों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है।
युवाओं में भी बढ़ रहा है हृदय रोग का खतरा
गुजरात में युवाओं में भी हृदय रोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो एक नई चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि अनियमित जीवनशैली, असंतुलित आहार, और बढ़ता तनाव भी इसके पीछे अहम कारण हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, हीटवेव के दौरान कुछ सावधानियां बरतकर हृदयाघात के जोखिम को कम किया जा सकता है। पर्याप्त पानी पीएं और डिहाइड्रेशन से बचें। अत्यधिक गर्मी में बाहर जाने से बचें, खासकर दोपहर 12 से 4 बजे के बीच। हल्का और संतुलित भोजन करें, तली-भुनी चीजों से बचें। हृदय रोगियों को नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और दवाएं समय पर लेनी चाहिए।
गुजरात में गर्मी के बढ़ते असर को देखते हुए सरकार और स्वास्थ्य विभाग को भी सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है। हीटवेव अलर्ट सिस्टम और हृदय रोगियों के लिए विशेष जागरूकता अभियान शुरू किए जाने चाहिए, ताकि इस गंभीर स्वास्थ्य संकट से निपटा जा सके।