सूरत : भारत में ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों ही माध्यमों में रिटेल सेक्टर का भविष्य उज्ज्वल
ऑफलाइन स्टोर्स में ग्राहकों को तुरंत उत्पाद मिल जाता है, जो ऑनलाइन शॉपिंग में संभव नहीं
भारत में रिटेल सेक्टर तेजी से बदल रहा है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यमों में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। ऑनलाइन रिटेल का उदय पिछले कुछ वर्षों में हुआ है। ऑनलाइन रिटेल ने भारत में बड़ी तेजी से वृद्धि की है। फ्लिपकार्ट, अमेज़न और मीशो जैसे प्लेटफार्मों ने ग्राहकों को घर बैठे शॉपिंग का अनुभव दिया है। ऑनलाइन शॉपिंग के फायदे जैसे कि समय की बचत, विविधता और आसान रिटर्न पॉलिसी ने इसे लोकप्रिय बनाया है। हालांकि, ऑफलाइन रिटेल का महत्व अभी भी बना हुआ है। ग्राहक उत्पाद को छूकर, देखकर और आजमाकर खरीदना पसंद करते हैं। इसके अलावा, ऑफलाइन स्टोर्स में ग्राहकों को तुरंत उत्पाद मिल जाता है, जो ऑनलाइन शॉपिंग में संभव नहीं है।
लोकतेज संवाददाता ने विशेषज्ञों से कैसे ज़ूडियो, डीमार्ट और स्टाइल अप ऑनलाइन बाजार को चुनौती दे रहे हैं और कौन विजेता बन सकता है, आदि के बारे में जानने का प्रयास किया है। विशेषज्ञों के अनुसार भारत में रिटेल सेक्टर का भविष्य ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यमों में उज्ज्वल है। ज़ूडियो, डीमार्ट और स्टाइल अप जैसे ब्रांड्स ने यह साबित कर दिया है कि वे ग्राहकों को बेहतरीन अनुभव देने में सक्षम हैं और भविष्य में रिटेल बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर सकते हैं।
फास्ट-फैशन ब्रांड जुडियो ने भारतीय फैशन रिटेल मार्केट में अपनी पहचान बनाई है। उनकी किफायती प्राइसिंग स्ट्रेटेजी, विविधता और अनोखी मार्केटिंग अप्रोच उनकी सफलता का राज है। ज़ूडियो की सभी उत्पाद 999 रुपये के अंदर होने की प्राइसिंग स्ट्रेटेजी ग्राहकों को आकर्षित किया है। ज़ूडियो की एक और खासियत उनकी तेजी से बदलती इन्वेंटरी है। हर हफ्ते नई और ट्रेंडी प्रोडक्ट्स की उपलब्धता ग्राहकों को बार-बार स्टोर पर आने के लिए प्रेरित करती है।
ज़ूडियो की सफलता का एक और कारण उनका फोकस प्राइवेट लेबलिंग पर है। उनकी सिस्टर कंपनी, वेस्ट साइड, ने अपने लेबल का योगदान 80 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक बढ़ाया है, जो ज़ूडियो की प्राइवेट लेबलिंग स्ट्रेटेजी की सफलता को दर्शाता है। ज़ूडियो ने 352 आउटलेट्स 119 शहरों में खोले हैं और अगले छह वर्षों में 250 और स्टोर्स खोलने की योजना है।
एवेन्यू सुपरमार्ट्स लिमिटेड द्वारा संचालित डीमार्ट ने अपनी व्यापक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी के माध्यम से भारतीय सुपरमार्केट चेन में अपनी पहचान बनाई है। डीमार्ट की हर दिन कम कीमतें (EDLP) ऑफर की प्राइसिंग स्ट्रेटेजी ने उन्हें ग्राहकों के बीच लोकप्रिय बनाया है। डीमार्ट की एक और खासियत उनकी कुशल सप्लाई चेन और इन्वेंटरी मैनेजमेंट है। वे अपने स्टोर्स को प्रमुख शहरों में रणनीतिक रूप से स्थित करते हैं और टियर 2 और टियर 3 शहरों में विस्तार पर ध्यान केंद्रित करते हैं। डीमार्ट की प्राइवेट लेबल ब्रांड्स जैसे डी मार्ट मिनीमैक्स, डी मार्ट प्रीमिया, डी होम्स, और डच हार्बर ने भी उन्हें प्रतिस्पर्धी बनाए रखा है।
गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा : गौरव भासीन
गौरव भासीन ने लोकतेज को बताया कि वर्तमान में ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों तरीके से व्यापार का अपना महत्व है। आज का युवा वर्ग दोनों तरह के व्यापार को तवज्जो दे रहा है। यदि वह अपने निजी काम में व्यस्त हैं अथवा बाहर जाने के मूड़ में नहीं हैं तो वह ऑनलाइन को तवज्जो देते हैं। जबकि व्यस्तता नहीं होने पर ऑफलाइन खरीदी को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि खरीदी के बहाने उनका अवकाश के दिन घूमना-फिरना भी हो जाता है। इसलिए हाल में दोनों ही प्रकार के व्यापार का भविष्य उज्जवल है। उन्होंने कहा कि कारोबारियों को अपने हिसाब-किताब में पक्का रहते हुए अपना ब्रांड जमाने के लिए क्वालिटी पर्फेक्ट देनी पड़ेगी और कमिटमेंट का पक्का होना पड़ेगा, तभी ऑनलाइन का व्यापार नई ऊंचाइयों तक जा सकता है।
ऑनलाइन के व्यापार में पैसा डूबने की गुंजाइश नहीं : नरेन्द्र साबू
मनभरी ग्रुप के डायरेक्टर नरेंद्र साबू ने लोकतेज को बताया कि कोविड-19 के बाद व्यापार में काफी बदलाव आया है। पांच सालों में ऑनलाइन का व्यापार गति पकड़ रहा है। सूरत में पूरे साल में करीबन 8000 से 10000 करोड़ का कारोबार ऑनलाइन के जरिए होता है। उन्होंने कहा कि व्यापार में जो नई पीढ़ी जुड़ रही है वह सब उच्चतम टेक्नोलॉजी से परिचित है और ऑफलाइन का खुशामद तथा उधार के व्यापार से तंग आ चुके हैं। ऑनलाइन के व्यापार में पैसा डूबने की गुंजाइश ना के बराबर है। यह व्यापार इंस्टाग्राम, मार्केटप्लेस, अमेजॉन इसका सबसे बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, जो वेबसाइट और यूट्यूब चैनल के मार्फत होता है।