सूरत : 'महाराज' फिल्म के विरोध में उमड़े संत-महंत और सनातनी, फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग

भारी बारिश में भी दिखा विरोध का जज्बा, वीएचपी-बजरंग दल ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन

सूरत : 'महाराज' फिल्म के विरोध में उमड़े संत-महंत और सनातनी,  फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग

हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'महाराज' को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस फिल्म का विरोध सूरत में भी देखने को मिला। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में संत-महंत और सनातनी समुदाय के लोग आज सड़कों पर उतरे और फिल्म के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन किया।

भारी बारिश के बावजूद, प्रदर्शनकारी वनिता विश्राम से कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकालते हुए नारेबाजी करते रहे। रैली में शामिल महिलाओं और साधु-संतों ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन पत्र सौंपा।

सनातन धर्म के खिलाफ षड्यंत्र का आरोप:

अखिल भारतीय संत समिति गुजरात के अध्यक्ष विश्वेश्वर आनंद जी ने कहा कि फिल्म 'महाराज' सनातन धर्म और हिंदू धर्मगुरुओं का अपमान करती है। यह फिल्म पूरे हिंदू समाज के लिए एक तरह से षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि हम इस फिल्म का पुरजोर विरोध करते हैं और मांग करते हैं कि इस पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए।

वैष्णव संप्रदाय के जगतगुरु का भी विरोध:

इस विरोध प्रदर्शन में वैष्णव संप्रदाय के जगतगुरु वल्लभाचार्य भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि फिल्म में हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है, जो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने भी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।

क्या है फिल्म 'महाराज' में विवादित:

फिल्म 'महाराज' 18वीं शताब्दी में हुए एक वास्तविक घटना पर आधारित है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे कुछ लोगों ने एक हिंदू धर्मगुरु पर गलत आरोप लगाकर उन्हें जेल में डाल दिया था।

हालांकि, कई लोगों का आरोप है कि फिल्म में तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया है और हिंदू धर्मगुरुओं को गलत तरीके से पेश किया गया है। यही वजह है कि फिल्म को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

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