सूरत : पुलिस की अनोखी पहल, अपराधियों ने जमा किए घातक हथियार!
माइक्रोफोन पर पुलिस ने पंजाबी, हिंदी और मराठी में की अपील, लोगों ने घरों से निकालकर हथियार किए पुलिस को सौंपे
सूरत शहर में नए पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत के आगमन के बाद पुलिस की कार्यशैली में बदलाव आया है। शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस पहले संवेदनशील इलाकों में छापेमारी कर हथियारों की तलाश करती थी, लेकिन अब पुलिस अपराधियों से अपने हथियार जमा करने का अनुरोध कर रही है।
यह अनोखी घटना 15 मई की रात सूरत के उधना इलाके में घटी। यहां उधना पुलिस ने एक नया प्रयोग किया। पुलिस की अलग-अलग टीमों ने अलग-अलग सोसायटी में जाकर माइक्रोफोन पर तीन भाषाओं पंजाबी, हिंदी और मराठी में अनाउंसमेंट किया।
पुलिस ने अपील की कि अगर आपके घर में घातक हथियार हैं तो स्वेच्छा से उन्हें जमा करा दें। पुलिस ने जीप के सामने चादर बिछा दी। इसके साथ ही पुलिस ने कहा कि अगर आप स्वेच्छा से हथियार जमा करेंगे तो कोई कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन अगर पुलिस चेकिंग करती है और आपके घर में हथियार मिलते हैं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लोग यह सोचकर हंस रहे थे कि पुलिस की ऐसी अपील का कोई असर नहीं होगा, लेकिन पुलिस की अपील का असर कुछ ही मिनटों में दिखना शुरू हो गया। लोग घर से तलवार, धारिया, गुप्ती, चाकू, कोयता जैसे घातक हथियार लेकर आये और पुलिस जीप के सामने चादरों पर रखने लगे। लोगों ने स्वेच्छा से अपने हथियार जमा कराकर 100 से अधिक हथियारों का ढेर लगा दिया।
गौरतलब है कि पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने कार्यभार संभालने के बाद अपराधियों को संदेश दिया था कि कानून के दायरे में रहोगे तो फायदे में रहोगे। कमिश्नर की निहित सावधानी का अपेक्षित असर देखा जा रहा है।
यह पहल क्यों महत्वपूर्ण है?
यह पहल कई कारणों से महत्वपूर्ण है।
- सबसे पहले, यह अपराधियों को यह संदेश देता है कि पुलिस अब सख्त है और वे अवैध हथियार रखने के लिए छूट नहीं देंगे।
- दूसरा, यह लोगों को अपने घरों से घातक हथियार हटाने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे दुर्घटनाओं और अपराधों को कम करने में मदद मिल सकती है।
- तीसरा, यह पुलिस और समुदाय के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देता है।
यह पहल अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन यह उम्मीद की जा सकती है कि इससे सूरत में अपराध दर में कमी आएगी।