सूरत : केनेडा में निधन के बाद भारत लाया गया युवक का शव, मेडिकल छात्रों को किया गया दान

डोनेट लाईफ संस्था के ट्रस्टी के बेटे का निधन होने पर अंगदान

सूरत : केनेडा में निधन के बाद भारत लाया गया युवक का शव, मेडिकल छात्रों को किया गया दान

केनेडा में रहने वाले 39 वर्षीय प्रजेश पटेल का निधन 21 अप्रैल को हो गया था। प्रजेश के परिवार ने उनके शव को भारत लाकर मेडिकल छात्रों को शिक्षा के लिए दान कर दिया है। यह देश का पहला मामला है जब किसी विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिक का शव दान के लिए भारत लाया गया है। न्यु वल्लभ विद्यानगर सीवीएम युनिवर्सिटी, आयुर्वेदिक स्टडीज एन्ड रिसर्च को स्व. प्रजेश का देहदान किया गया। 

परिवार का नेक फैसला : प्रजेश के पिता प्रकाशभाई पटेल, जो डोनेट लाइफ संस्था के ट्रस्टी हैं, उन्होने अपने बेटे के निधन के बाद यह नेक फैसला लिया। प्रजेश अंगदान के प्रति जागरूकता फैलाने में भी सक्रिय रूप से भाग लेते थे। केनेडा में 21 अप्रैल को प्रजेश को दस्त और उल्टी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ घंटों के इलाज के बाद रक्तचाप और ऑक्सीजन का स्तर कम होने से उनकी मृत्यु हो गई। 

शव को भारत लाने में मदद : सोमवार 29 अप्रैल को देर रात जब प्रजेश का शव एयर इंडिया की फ्लाइट से टोरंटो से दिल्ली, दिल्ली से अहमदाबाद, अहमदाबाद से एंबुलेंस से ओड गांव लाया गया तो माहौल बेहद गमगीन हो गया और हृदयविदारक दृश्य निर्मित हो गए। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और आणंद सांसद मितेशभाई पटेल ने प्रजेश के शव को भारत लाने में मदद की।

चरोतर पंथक में सबसे कम उम्र का देहदान : बता दें कि यह देश का पहला मामला है कि विदेश में रहने वाले किसी भारतीय नागरिक की विदेश में मौत हो गई हो और वह उसका पार्थिव शरीर दान के लिए देश लाया हो। यह चरोतर पंथक में सबसे कम उम्र के युवक का पहला देहदान है।

प्रजेश का परिवार : प्रजेश के परिवार में उनकी पत्नी सेजल (36 वर्ष), जो केनेडा में रहती हैं, पेशे से शिक्षक हैं। बेटा विहान (13 वर्ष) जो कक्षा 8 में और पुत्री मिहिका (8 वर्ष) की है जो केनेडा में कक्षा 3 में पढ़ाई करती है। पिता प्रकाशभाई ( 69) मुंबई में रहते हैं और वहीं उनका कारोबार है। माता आरतीबेन (उम्र 64) गृहिणी हैं। दो बहनें पूजा और चांदनी शादीशुदा हैं और अपने परिवार के साथ अमेरिका में रहती हैं।

दान में सहयोग : दान की पूरी प्रक्रिया डोनेट लाइफ के संस्थापक नीलेश मांडलेवाला के मार्गदर्शन में की गई।

प्रजेश की प्रेरणा : प्रजेश पटेल ने अपने मरणोपरांत दान के माध्यम से समाज को एक प्रेरणादायक संदेश दिया है। उनकी निःस्वार्थ भावना और मानवता के प्रति समर्पण हमेशा याद रखा जाएगा।

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