60 करोड़ रुपये की 173 पैकेट चरस जब्त, 4 गिरफ्तार: डीजीपी

पाकिस्तान से लाया जा रहा था ड्रग्स, द्वारका में उतरना था

60 करोड़ रुपये की 173 पैकेट चरस जब्त, 4 गिरफ्तार: डीजीपी

अहमदाबाद, 29 अप्रैल (हि.स.)। द्वारका-पोरबंदर के समीप भारतीय फिशिंग बोट से 60 करोड़ रुपये के 173 पैकेट हशीश (चरस) जब्ती मामले में सोमवार को गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विकास सहाय ने प्रेस कांफ्रेंस कर पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गुजरात एटीएस प्राथमिकी दर्ज कर इसकी जांच में जुट गई है। इस मामले में समुद्र से 2 लोगों के अलावा दो अन्य लोगों को भी पकड़ा गया है। इस बात की जांच की जा रही है कि ड्रग्स की खेप को कहां पहुंचाया जाना था।

डीजीपी विकास सहाय ने बताया कि सोमवार को एटीएस को फिर बड़ी सफलता मिली है। एटीएस के पुलिस अधीक्षक केके पटेल को 21 अप्रैल को प्राथमिक सूचना मिली थी कि महाराष्ट्र के तीन व्यक्ति कैलाश सनत, दत्ता सकारामा, मंगेश तुकाराम समुद्र से नारकोटिक्स का कन्साइनमेंट लाने का प्रयत्न कर रहे हैं। इसके लिए वे गुजरात के किसी फिशिंग बोट का उपयोग करेंगे।

पटेल को सूचना मिली थी कि 22 अप्रैल को ये सुबह किसी भी फिशिंग बोट में सवार होकर हाईसी में कन्साइनमेंट रिसीव कर 27-28 अप्रैल को वापस गुजरात आएंगे। इसके आधार पर एटीएस ने सीनियर अधिकारियों के साथ विमर्श कर स्ट्रैटजी बनाई। इसके तहत 24 अप्रैल को एटीएस के पीएसआई हितेश वाढे समेत कोस्ट गार्ड के कई अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ कोस्टगार्ड के वेसेल सजाद के जरिए हाई सी में रवाना हुए। संदिग्ध बोट की तलाश में तीन-चार दिन तक समुद्र में रहे। 28 अप्रैल को दोपहर फिशिंग बोट पहचान की गई। बोट गुजरात की सीमा से 120 नॉटिकल माइल दूर था। एटीएस ने कोस्ट गार्ड के साथ संदिग्ध फिशिंग बोट को घेर लिया। फिशिंग बोट से दो लोगों मंगेश तुकाराम और हरि दास को पकड़ा गया। हरि दास हत्या और अपहरण के मामले में पहले भी महाराष्ट्र में आरोपित है।

फिशिंग बोट के सर्च के दौरान 173 पैकेट हशीश (चरस) जब्त किया गया। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में 60 करोड़ रुपये बताई गई है। इस पूरे षडयंत्र में अन्य जिनकी भी संलिप्तता की सूचना थी, एटीएस ने वहां-वहां टीम तैनात कर दिया था। 28 अप्रैल को दोपहर जब समुद्र में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, इसके बाद एटीएस की प्री प्रोजिशन टीम जो पुणे में थी, उन्होंने कैलाश सनत नामक आरोपित को गिरफ्तार किया। इसके अलावा एक अन्य एटीएस टीम को प्री पोजिशन के तहत द्वारका में तैनात किया गया था। इस टीम ने दत्ता सकाराम (मूल निवासी महाराष्ट्र) को गिरफ्तार किया। आरोपित कैलाश, दत्ता सकाराम और मंगेश तुकाराम पिछले तीन से चार महीने से गुजरात में रेकी कर रहे थे और किसी भी फिशिंग बोट को रेंट पर लेने या खरीद करने के प्रयास में थे। इस दौरान ये तीनों कच्छ जिले के मांडवी निवासी अली असगर के सम्पर्क में आए। अली को भी गिरफ्तार किया गया है। अली ने महाराष्ट्र के तीन लोगों के शामिल करते हुए पाकिस्तान ड्रग माफिया सीद्धा से सम्पर्क किया। सीद्धा के जरिए ड्रग की खेप भेजने और रिसीव करने की पूरी योजना बनाई।

सभी से पूछताछ में पता चला कि फिशिंग के बहाने द्वारका से बोट रेंट लेकर हाई सी में ले गए। हाई सी में बोट के टंडेल समेत 3 लोगों को बंदी बना लिया गया। इनकी योजना थी कि पाकिस्तान के पसनी नामक जगह से 110 नॉटिकल माइल दूर फिशिंग बोट ले जाना था। यहां पाकिस्तान से आया कन्साइमेंट ट्रांसफर लेना था। ड्रग्स की खेप लेकर राशन और फ्यूल भी पाकिस्तान से आए बोट से लेना था। योजना के अनुसार इन्हें द्वारका आना था।

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