सूरत: गर्मियों में उकाई बांध से 800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जानिए क्यों?
बढ़ती पानी की मांग और नदी की सफाई के लिए यह कदम
आमतौर पर, मानसून के दौरान भारी बारिश के बाद ही उकाई बांध से तापी नदी में पानी छोड़ा जाता है। लेकिन इस साल, पूरे गर्मी के मौसम में बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। इसका कारण है सूरत शहर में बढ़ती पानी की मांग और तापी नदी की सफाई की आवश्यकता।
गर्मी में बढ़ी पानी की मांग
गर्मी की वजह से सूरत शहर में पानी की मांग बढ़ गई है। इस साल गर्मी में पानी की मांग 1520 एमएलडी तक पहुंच गई है, जो पिछले साल के 1500 एमएलडी से ज़्यादा है। बढ़ती मांग के कारण, कोजवे का जलस्तर कम हो गया है और नदी के पानी की गुणवत्ता भी खराब हो गई है।
तापी नदी की सफाई
हर साल गर्मियों में, सूरत से होकर बहने वाली तापी नदी में काई हरी वनस्पती जमा हो जाती है। इससे नदी हरा-भरा मैदान जैसी दिखने लगती है और बदबू भी मारने लगती है। इस हरे और दूषित पानी को निकालने के लिए उकाई बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। बांध से 800 क्यूसेक पानी छोड़कर नदी को साफ किया जा रहा है।
नदी के जलस्तर में सुधार
पिछले एक पखवाड़े से उकाई बांध से 800 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गुरुवार को कोजवे का जलस्तर 5 मीटर से अधिक हो गया। 11 अप्रैल की शाम तक यह 5.40 मीटर पर पहुंच गया। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में तापी नदी की जल गुणवत्ता में सुधार होगा।
गर्मी और नदी की सफाई का तालमेल
गर्मी में पानी की बढ़ती मांग को पूरा करने और तापी नदी को साफ रखने के लिए, सिंचाई विभाग और हाइड्रोलिक विभाग ने मिलकर काम किया है। इस समन्वय के फलस्वरूप, शहर से गुजरने वाली तापी नदी में उकाई बांध से पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पानी छोड़ा जा रहा है।
यह कदम न केवल सूरत शहरवासियों की पानी की जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि तापी नदी के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएगा।