सूरत :  नगर निगम ने उद्योगों को उपचारित पानी बेचकर 340 करोड़ रुपये जुटाए

कचरे से कंचन निकालने की नगर निगम की कवायद, उद्योगों को उपचारित जल उपलब्ध कराने की योजना

सूरत :  नगर निगम ने उद्योगों को उपचारित पानी बेचकर 340 करोड़ रुपये जुटाए

 सूरत नगर निगम ने उद्योगों को उपचारित पानी बेचकर राजस्व उत्पन्न करने वाली देश की एकमात्र नगर निगम बनने का गौरव प्राप्त किया है। पिछले तीन वर्षों में, नगर निगम ने उद्योगों को टर्शरी ट्रीटेड वोटर (टृतीयक उपचारित जल) बेचकर 340 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है।

बमरोली और डिंडोली में संयंत्र:

नगर निगम ने बमरोली में 40 एमएलडी और 35 एमएलडी क्षमता के दो प्लांट और डिंडोली में 40 एमएलडी क्षमता का प्लांट बनाकर पांडेसरा और सचिन के उद्योगों को औद्योगिक ग्रेड का पानी सप्लाई किया जा रहा है। नगर निमग द्वारा बनाए गए इन तीन नेटवर्क के लिए नगर निगम ने 345 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

स्वच्छ पेयजल बचाने और पर्यावरण का संरक्षण:

सूरत नगर निगम ने स्वेज जल का तृतीयक उपचार करके उद्योगों को पानी की आपूर्ति शुरू की। नगर निगम ने स्वच्छ पेयजल बचाने के साथ-साथ सीवेज निस्तारण की जो योजना अपनाई है, उससे पालिका को राजस्व भी मिल रहा है और पर्यावरण का संरक्षण भी हो रहा है।

सूरत कॉर्पोरेशन पांडेसरा और सचिन के उद्योगों को 115 एमएलडी स्वेज पानी का उपचार कर जल आपूर्ति उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा बमरोली में 75 एमएलडी और डिंडोली में 40 एमएलडी क्षमता का तृतीयक उपचार संयंत्र बनाया गया है। इस तृतीयक उपचार संयंत्र से सचिन के उद्योगों को पानी की आपूर्ति की जा रही है। अब जल्द ही डिंडोली टर्शरी प्लान्ट में वृध्दि कर पलसाणा के उद्योगों के लिए जलापूर्ति की जायेगी। 

पलसाना में द्वितीयक उपचारित पानी:

तृतीयक उपचार संयंत्रों से उपचारित पानी बेचने की सफलता के बाद, नगर निगम अब द्वितीयक अपशिष्ट जल बेचकर राजस्व उत्पन्न करने की योजना बना रही है। नगर निगम पलसाना में उद्योगों को द्वितीयक उपचारित पानी उपलब्ध कराने की योजना बना रही है।

Tags: Surat