आईआईटी मद्रास ने देश की अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक स्टैंडिंग व्हीलचेयर विकसित की
सिर्फ एक बटन के दबाने पर व्हीलचेयर प्रयोग करने वाला व्यक्ति आसानी से उठ सकता है और बैठ सकता है
चेन्नई (तमिलनाडु), 21 मार्च (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) ने चलने-फिरने में असमर्थ लोगों के लिए खास किस्म की व्हीलचेयर बनाई है, जो बिना किसी मददगार के उन्हें खड़ा होने व बैठने में समर्थ बनाएगी।
आईआईटी मद्रास की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक यह व्हीलचेयर देश की सबसे उपयोगी इलेक्ट्रिक स्टैंडिंग व्हीलचेयर है जो पूर्ण रूप से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है और इसमें प्रयुक्त सामान भारत में बने हैं। 'नियोस्टैंड' व्हीलचेयर को आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटि गणमान्य लोगों के उपस्थिति में लॉन्च किया गया।
प्रोफेसर कामकोटि ने बताया कि नियोस्टैंड एक कॉम्पैक्ट स्टैंडिंग व्हीलचेयर है जिसे मोटराइज्ड स्टैंडिंग मैकेनिज्म के माध्यम से संचालित किया जाता है। सिर्फ एक बटन के दबाने पर व्हीलचेयर प्रयोग करने वाला व्यक्ति आसानी से उठ सकता है और बैठ सकता है। चलने-फिरने में असमर्थ लोगों के लिए यह इतना उपयोगी है कि वह अपनी इच्छा के अनुसार कहीं भी आसानी से आ-जा सकते हैं।
इस परियोजना की लीड वैज्ञानिक एवं आईआईटी मद्रास की प्रोफेसर सुजाता श्रीनिवासन ने बताया कि यह व्हीलचेयर आईआईटी मद्रास-इनक्यूबेटेड स्टार्ट-अप नियोमोशन के माध्यम से बाजार में लाया जा रहा है। यह परियोजना टाटा एलेक्सी द्वारा सीएसआर फंड के तहत प्रायोजित थी।
व्हीलचेयर के विकास और डिजाइन का नेतृत्व आईआईटी मद्रास में टीटीके सेंटर फॉर रिहैबिलिटेशन रिसर्च एंड डिवाइस डवलपमेंट (आर2डी2) और नियोमोशन ने किया और दोनों संस्थाओं ने इसे बाजार में उतारने का बीड़ा उठाया है।