सूरत : वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रूट को मिली एनओसी, इस रूट पर 15 से 20 मालगाड़ियां शिफ्ट

पश्चिम रेलवे की 6 हाई लेवल डिविजनल कमेटी ने गुजरात के डीएफसी ट्रैक को मंजूरी दी

सूरत : वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रूट को मिली एनओसी, इस रूट पर 15 से 20 मालगाड़ियां शिफ्ट

सूरत में डीएफसी लाईन पर न्यु भेस्तान रेलवे स्टेेशन

पश्चिम रेलवे की 6 हाई लेवल डिविजनल कमेटी ने डीएफसी रूट को एनओसी देने पर अब 15 से 20 मालगाड़ियां डीएफसी ट्रैक पर दौड़ रही हैं। मुंबई दिल्ली के बीच मालगाड़ियां के लिए बनाए गए 1506 किमी लंबे वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) का गुजरात से होकर गुजरने वाले 565 किमी रूट तैयार है और इस रूट से 20 मालगाड़ियां शुरू की गई हैं। 

अधिकारियों के मुताबिक सब कुछ ठीक रहा तो 6 महीने में डीएफसी लाइन पर 120 मालगाड़ियां दौड़ेंगी। डीएफसी लाइन से यात्री ट्रेनों को फायदा होगा। मेन लाइन से मालगाड़ियों का लोड कम होने से नई यात्री ट्रेनें चलने की संभावना बढ़ जाएगी। साथ ही ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ेगी। इससे ट्रेन ओवरलोड की घटना में कमी आएगी। गुजरात में 8 स्थानों पर मुख्य लाइन को डीएफसी लाइन से जोड़ा गया है। ताकिआपातकालीन स्थिति में यात्री ट्रेनों को 8 स्थानों पर जोड़कर डीएफसी की ओर मोड़ दिया जाएगा

डीएफसी अधिकारियों ने बताया कि डीएफसी लाइन पर वडोदरा-सूरत-संजान के बीच 250 किमी रूट पर रोजाना 15 से 20 मालगाड़ियां चल रही हैं। साथ ही, पालनपुर-साणंद खंड पर डीएफसी पर मालगाड़ियां चल रही हैं। वर्तमान में 47, 58 और 60 वैगन वाली ट्रेनें चल रही हैं।

अधिकारियों ने बताया कि मंडल समिति ने पश्चिम रेलवे के मुंबई और वडोदरा मंडल के प्रधान मुख्य सुरक्षा अधिकारी, मुख्य ट्रैक इंजीनियर, मुख्य सिग्नल इंजीनियर, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर, मुख्य विद्युत वितरण इंजीनियर, मुख्य परिचालन प्रबंधक का निरीक्षण किया और डीएफसी के लिए एनओसी दे दी गई है।

पश्चिम रेलवे मुख्यालय ने वडोदरा और मुंबई सेंट्रल डिवीजनों के डीआरएम को पत्र लिखकर न्यू घोलवड से न्यू मकरपुरा तक पूरी हो चुकी डीएफसी लाइन का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। इन उच्च स्तरीय समितियों द्वारा निरीक्षण से पहले प्रस्तावित डीएफसी अनुभाग के जूनियर एडमिनिस्ट्रेशन ग्रेड (जेएजी) अधिकारियों द्वारा निरीक्षण का सुझाव दिया गया था ताकि कुछ कमियों को समय पर ठीक किया जा सके और एनओसी प्राप्त करने में कोई कठिनाई पैदा न हो। इसके बाद उच्च स्तरीय कमेटियों ने निरीक्षण कर एनओसी दे दी।

डीएफसी ट्रैक खुलने से मुंबई-अहमदाबाद मुख्य लाइन पर 15 से 20 मालगाड़ियों का भार कम हो गया है। इसका सबसे ज्यादा फायदा पैसेंजर ट्रेनों को मिलेगा। अब मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी। मालगाड़ियों के कारण यात्री ट्रेनों को नहीं रुकना पड़ेगा। मालगाड़ियों के गुजरने के कारण अक्सर मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें प्रभावित होती थीं। जैसे-जैसे मालगाड़ियाँ डीएफसी लाइनों पर शिफ्ट होंगी, ट्रेनों की देरी की घटनाएं कम हो जाएंगी। वहीं, अब इस रूट पर नई ट्रेनें चलने की उम्मीद भी बढ़ गई है।

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