लकड़ी के फटके मार-मारकर युवक ने ली श्वान की जान, स्थानीय लोगों ने की कड़ी सजा की मांग

लकड़ी के फटके मार-मारकर युवक ने ली श्वान की जान, स्थानीय लोगों ने की कड़ी सजा की मांग

स्थानीय लोगों ने किया श्वान का अंतिम संस्कार

कई लोगों को रास्ते पर घूम रहे बेजुबान प्राणियों को मारने में काफी मजा आता है। कई बार लोगों के इस विकृत आनंद के चक्कर में कई बेजुबान जानवरों की जान भी चली जाती है। ऐसा ही एक मामला गुजरात के पोरबंदर से सामने आया था। पोरबंदर में रहने वाले छाया रघुवंशी सोसाइटी में रहने वाले एक शख्स ने कुत्ते को लकड़ी के फटकों से मार कर मौत के घाट उतार दिया था। 
श्वान के इस तरह मौत के घाट उतारे जाने से स्थानीय लोगों ने उसके अंतिम संस्कार कर उसकी तस्वीर सोशल मिडिया पर शेयर किया था। श्वान पर लकड़ियों से पीटा था, जिसके चलते वह काफी लहू-लुहान हो गया था। जिसके चलते एनिमल हेल्प का संपर्क किया गया, पर इलाज के दौरान श्वान की मृत्यु हुई थी। जिसके चलते स्थानीय लोग श्वान का मृतदेह लेकर कमला बाग पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। जहां लोगों ने युवक पर कड़ी कार्यवाही की मांग की। पुलिस ने भी घटना की गंभीरता को समजते हुये कार्यवाही करने की तैयारी दिखाई थी। हालांकि अंत में कोई भी शिकायत करने को तैयार नहीं हुआ था। 
जिस श्वान को युवक ने मौत के घाट उतारा उस श्वान ने युवक की बाइक की सीट फाड़ दी थी। सीट फाड़ने के पहले श्वान ने युवक को काटा भी था। अंत में युवक ने श्वान को लकड़ी के फटके से मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया था। पशुओं के ऊपर होने वाले अत्याचार के बारे में जनजागृति फैलाने वाली एक स्थानीय संस्था के ने बताया कि किसी भी पशु पर अत्याचार करना या उसकी जान लेना पशु क्रूरता अधिनियम कि धारा 11 और भारतीय दंड साहिता कि धारा 429 के तहत दंडनीय अपराध है। इसके अलावा किसी पशु को खाना लेने से रोकना भी कानूनन जुर्म है। जिसके तहत 5 साल तक की जेल भी हो सकती है।