सूरत : नवरात्री में गरबा खेलने की अनुमति मिलने के साथ ही गरबाप्रेमियों को आई इस चीज की याद

सूरत : नवरात्री में गरबा खेलने की अनुमति मिलने के साथ ही गरबाप्रेमियों को आई इस चीज की याद

माताजी के गरबा के लिए सजावटी मटके या गरबी की मांग तेज, तरह तरह की डिजाईन में बन रही गरबी

गणेशोत्सव के अमापन के साथ ही लोगों में अब नजदीक आ रहे नवरात्रि के पर्व को लेकर उत्सुकता देखी जा रही है। साथ ही इस बार सरकार द्वारा गलियों-मोहल्लों में गरबा करने की अनुमति मिल जाने से त्यौहार का रंग दुगना हो चला है। कोरोना के कारण पिछली साल गरबा नहीं खेल पाने वाले लोग इस बार गरबा खेलने के लिए बेताब हैं। ऐसे में अब माताजी के गरबा के लिए सजावटी मटके की मांग बढ़ गई है। पारंपरिक रूप से स्थापित मंडपों में गरबप्रेमियों के बीच विभिन्न रंग-बिरंगी, रोशनी वाली और माताजी की तस्वीरों, जैसी  मटकियों की मांग देखी गई है।
आपको बता दें कि पारंपरिक नवरात्रि में माताजी की गरबी यानि मटकी का बहुत महत्व रहा है और इसलिए माताजी की स्थापना के लिए गरबी की स्थापना की जाती है। पहले के समय में माताजी की साधारण गरबियों की स्थापना की गई थी। समय के साथ यह चलन बदल गया है और अब माताजी की फैंसी और डिजाइनर गरबियों की स्थापना हो रही है। इन मटकियों या गरबी को बनाने वालों का कहना है कि उनके पास इस समय माताजी की सजावट वाली गरबियों की अधिक मांग है। और तरह-तरह की सजावट इन गरबियों को अलग ही लुक देते है।
जानकारी के अनुसार इन मटकियों की सजावट में जरदोशी का काम, मोती का काम, माताजी के विभिन्न रूपों की पेंटिंग और रोशनी भी शामिल है। इनकी कीमत 700 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक हो सकती है। जबकि बाजार में साधारण गरबी 80 से 100 रुपये में मिल जाती है। सजावटी मटकी के लिए उनके पास भरूच और बड़ौदा के लोग भी हैं।