सूरत : फर्जी सरकारी अधिकारी के स्वांग में ठगी का बड़ा मामला, जमीन के काम निकालने में बिल्डर को दिया झांसा

सूरत : फर्जी सरकारी अधिकारी के स्वांग में ठगी का बड़ा मामला, जमीन के काम निकालने में बिल्डर को दिया झांसा

शहर के सिंगणपोर क्षेत्र के बिल्डर से नकली डिप्टी कलेक्टर होने की आड़ में नेहा नामक महिला ने एक करोड़ रूपये ठगे, पुलिस में पहुंचा मामला

नकली महिला डिप्टी कलक्टर ने सूरत के बिल्डर से ठगे एक करोड़

सरकारी जमीन क्लीयर करवाने के नाम पर लिए थे रूपए

सूरत शहर के सिंगणपोर के बिल्डर से नवसारी की सरकारी जमीन क्लीयर करने के नाम पर एक महिला नेहा पटेल ने नकली डिप्टी कलेक्टर होने की आड़ में एक करोड रुपए ले लिए। 3 करोड रुपए में से 1 करोड़ रुपए ले लेने पर भी जब जमीन के बारे में कोई प्रोसेस नहीं शुरू हुई तब बिल्डर ने शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने नेहा पटेल और रिटायर सरकारी ऑफिसर रामदेव उमट के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कतारगाम सिंगणपोर रोड पर अशोक नगर सोसायटी में रहने वाले गुणवंत वल्लभभाई आंबलिया जो भावनगर के महुआ के निवासी हैं, वे कंस्ट्रक्शन का काम काज करते हैं। कानूनी कामकाज के लिए वह अपने दोस्त निलेश पिपलिया से आए दिन मिलते-जुलते रहते थे। यहां पर उनका परिचय 2016 के अगस्त महीने में रामदेव सिंह उमट के साथ हुआ। 

घोटाले में पूर्व सरकारी कर्मचारी भी शामिल

रामदेव उमट ने अपना परिचय गांधीनगर के रेवेन्यू डिपार्टमेंट में सेक्शन ऑफिसर के तौर पर दिया था और जमीन संबंधित कोई काम हो तो बताना ऐसा कहा था। इसके बाद रामदेव सिंह ने गुणवंत भाई को कहा कि नवसारी की जमीन अभी तक सरकार ने उपयोग में नहीं ली है। यह जमीन सरकार से लेकर उन्हें दे दी जाएगी। ऐसा कहकर 3 करोड रुपए में सौदा तय किया था। इनमें से एक करोड रुपए अभी देना होगा, ऐसी बात भी कही थी। कुछ दिनों के बाद रामदेव सिंह ने अडाजन के स्टार बाजार पर गुणवंत आंबलिया की मुलाकात नेहा वाढेर नाम की महिला के साथ कराई थी। नेहा ने अपना परिचय कथित रूप से डिप्टी कलेक्टर के तौर पर दिया था और फिलहाल वह नौकरी पर नहीं होने की बात कही थी। उसने अपना आई कार्ड दिखाकर गुणवंत भाई को विश्वास में ले लिया। इसके बाद नेहा वाढेर ने सरकारी जमीन देने के नाम पर टुकड़े-टुकड़े में एक करोड रूपए लेकर प्रोसेस चालू हो गई है, ऐसा कहा। साथ ही अगर जमीन नहीं मिली तो 1 करोड रुपए ब्याज के साथ देने का भी विश्वास दिलाया।

36 लाख रूपए का चेक हुआ बाउन्स

कुछ दिनों के बाद तक जब जंत्री के आर्डर नहीं मिले तब नेहा ने लिए रुपए में से 36 लाख रूपए का चेक वापस दे दिया। जोकि रिटर्न हो गया इसके बाद जब गुणवंत भाई ने पैसे वसूलने के लिए फोन पर बात कही तो नेहा वाढेर ने फोन बंद कर दिया। इस पर गुणवंत भाई को शक होने लगा और उन्होंने कतारगाम पुलिस में नकली नायब कलेक्टर और रामदेव के खिलाफ ठगी की शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने रामदेव सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

बताया जा रहा है कि नेहा बहुत ही शातिर है। उसने वडोदरा शहरी विकास प्राधिकरण में खुद को डिप्टी कलेक्टर होने का नकली कार्ड बनाकर लोगों को ठगा था और अपना रहन-सहन भी कलक्टर के ढंग से कर लिया। लोगों को इसे पहचानना मुश्किल था। डेढ़ साल पहले भी झींगा तलाव के मामले में इसने लोगों से रुपए लिए थे।

बड़ी शातिर है नेहा

नेहा बार-बार अपने सरनेम बदलती रहती है। उसके पास नकली लिविंग सर्टिफिकेट भी है जिसके आधार पर नकली दस्तावेज बना लेती है। इसके पास कई नकली दस्तावेज भी हैं। इतना ही नहीं, नकली अधिकारी नेहा ने गुणवंत बलिया की मीटिंग कई अधिकारियों से करवाई थी। 

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