सूरत : सायण के आदर्शनगर में डायरिया, उल्टी और बुखार से 5 साल के बच्चे की मौत, दो दिन में 150 से ज्यादा केस

सूरत :  सायण के आदर्शनगर में डायरिया, उल्टी और बुखार से 5 साल के बच्चे की मौत, दो दिन में 150 से ज्यादा केस

सायण गांव में पिछले तीन दिनों से उल्टी, दस्त और बुखार की बिमारी से १५० मरीज अस्पता में भर्ती हुआ है जिनमें से पांच साल के मासूम बच्चे की मौत हो गयी।

स्थानीय लोगों की शिकायत को नजरअंदाज करने लोग हुए बिमार
सूरत जिले के ओलपाड तहसिल में सायण के आदर्शनगर 2 और 3 में सीवर लाइन टूटने और साफ-सफाई के अभाव में पीने का पानी दूषित होने से महज दो दिनों में डायरिया और उल्टी के 150 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। आदर्शनगर-3 में रहने वाले 5 वर्षीय बालक अमन कमलेश राय की डायरिया, उल्टी और बुखार के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई।  पिछले साल के बाद इस साल भी सायण गांव में बिमारी फैल गई है। 
सायण गांव में फैली बिमारी के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों का बिल सरकार भुगतान करे ऐसी मांग जिला पंचायत के पूर्व सदस्य दर्शन नायक द्वारा जिला विकास अधिकारी से की गयी है। बिमारी से मृतक के परिजनों को सरकार सहायता दे ऐसी पेशकश भी की है। गांव की निचले क्षेत्र आदर्शनगर 1, 2 और 3 में जहां परप्रांतिय श्रमिक कामगारों आबादी है, जहा सफाई और स्वच्छता कार्यों की कमी, जल निकासी लाइनों की समय पर मरम्मत या दूषित पानी का निपटान न करना मच्छरों के लिए एक उपद्रव है। इतना ही नहीं यहां पेयजल व नालियों की पाइप लाइन एक साथ बिछाए जाने के कारण दूषित पेयजल पीने के पानी की लाइन में आ जाता है। आदर्श नगर 2 व 3 की बात करें तो जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं करने पर ग्राम पंचायत द्वारा लाइन बिछा दी गयी है। चूंकि यह भी जर्जर हालत में है इसलिए मलमूत्र का पानी सार्वजनिक स्थलों पर ओवरफ्लो हो रहा है। 
गंदकी के प्रकोप बाद केवल दो दिनों में इस क्षेत्र से उल्टी के 150 से अधिक मामले सामने आए, जबकि बिमारी का प्रकोप तीन दिन पहले ही फैल गया था। यहां के लोगों द्वारा ग्राम पंचायत से शिकायत करने पर शुक्रवार की रात कई लोगों को सरकारी व निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, लेकिन कोई कामकाज नहीं हुआ। स्वास्थ्य विभाग देर रात से हाई अलर्ट पर था और बीमारों को प्राथमिक उपचार दिया था।
मौजूदा महामारी आदर्श नगर सोसाइटी 2 और 3 में फैल गई है जबकि आसपास के सोसायटीयों में भी ऐसी ही स्थिति हुई है। उभरते हुए सीवर और दूषित पेयजल ने निवासियों में यह भय फैला दिया है कि यह बीमारी अन्य सोसायटीयों में भी फैल जाएगी। वर्तमान प्रकोप में अधिकांश युवा और बच्चों  दस्त और उल्टी के चपेट में है। अस्पताल में भर्ती मरीजों में ज्यादातर युवा और मासूम बच्चे हैं। इनमें से एक 5 वर्षीय अमन कमलेश राय की मौत हो गई। डॉक्टरों का यह भी कहना है कि कुछ बच्चों की हालत ज्यादा नाजुक है। दस्त और उल्टी से पीड़ित लोगों को इलाज के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार से ठीक होने की आस में बैठे लोगों को शुक्रवार की रात अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आयी। 
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