सक्सेस स्टोरी : जब एक ड्राइवर के बेटे ने IIM क्लियर किया!

सक्सेस स्टोरी : जब एक ड्राइवर के बेटे ने IIM क्लियर किया!

कैम्पस प्लेसमेंट में मिले थे 5-6 कंपनियों से ऑफर

यदि आप में मेहनत करने की चाह हो तो आप किसी भी परिस्थिति से आगे बढ़ सकते है। इसी बात का उत्तम उदाहरण दिया है आनंद में रहने वाले और अमूल डेरी में ड्राईवर का काम करने वाले व्यक्ति के पुत्र ने, जो कड़ी कठिनाइयों के बाद आईआईएम में पढ़ कर आज गुरुग्राम की एक कंपनी में एसोशिएट मैनेजर है। 
इस बारे में बात करते हुये 24 वर्षीय हितेश सिंह कहते है कि उनके पिता पंकज सिंह गुजरात को-ओपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड, अमूल के मेनेजिंग डाइरेक्टर डॉ आरएस सोढ़ी के ड्राईवर के तौर पर काम करते है। जबकि उनकी माता एक हाउसवाइफ़ है। दोनों ने 12 वीं तक ही पढ़ाई कि है। पर वह उच्च शिक्षा हासिल कर सके इसलिए उन्होंने रात-दिन मेहनत कर पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया था। इसी कारण वह आज इतने बड़े मुकाम तक पहुँच सके है। 
हितेश सिंह ने कैट की परीक्षा में 96.12 पर्संटाइल के साथ प्रवेश लिया था। कुछ ही समय पहले उसने आईआईएम के कैम्पस में आयोजित प्लेसमेंट में गुरुग्राम स्थित कंट्री डिलाइट की और से एसोशिएट मैनेजर की ऑफर को स्वीकार किया है। हितेश ने कहा की उन्हें कैम्पस प्लेसमेंट में पाँच से छ कंपनियों की ऑफर मिली थी। पर सभी कंपनियों की ऑफर को अच्छे से समजने के बाद उसने कंट्री डिलाइट डेयरी में इंटरव्यू दिया, जहां उनका सिलेक्शन भी हो गया। 
हितेश सिंह कहते है की इस कंपनी में उन्हें नई प्रोडक्ट डेवलप करने से लेकर सभी प्रकार का अनुभव मिल सकेगा। उसने शुरू से ही डेयरी क्षेत्र में अपना करियर बनाने का विचार कर लिया था। इसलिए उसने अपना स्नातक भी डेरी साइन्स में किया था। इसके बाद एमबीए भी फूड एंड एग्री बिजनेस मैनेजमेंट में किया था।