राजकोट : सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी से संबंद्ध एक कॉलेज में दो प्रोफेसरों का इलु-इलु

राजकोट : सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी से संबंद्ध एक कॉलेज में दो प्रोफेसरों का इलु-इलु

छात्रों ने फोड़ा 'लव' लेटर बम

गुजरात की शिक्षा जगत में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सौराष्ट्र विश्वविद्यालय में गुजरात की शिक्षा जगत को कलंकित करने वाली घटना घटी है। सरकार द्वारा नियुक्त सिंडिकेट सदस्य के कॉलेज में दो प्रोफेसरों के बीच प्रेम प्रसंग को लेकर छात्रों ने लेटर बम फोड़ दिया है। छात्रों ने सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के चांसलर को भी लिखा, जहां कॉलेज के प्रोफेसरों के बीच अफेयर का पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है, सौराष्ट्र विश्वविद्यालय से संबद्ध एक कॉलेज में दो प्रोफेसरों का मामला चर्चा का विषय बन गया है।


चिट्ठी में क्या लिखा 


राजकोट में सौराष्ट्र विश्वविद्यालय से संबद्ध हरिवंदना कॉलेज विवादों में घिर गया है। कॉलेज के प्रोफेसरों के बीच चल रहे प्रेम प्रसंग का खुलासा मीडिया को पत्र भेजकर किया गया है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि हरिवंदना कॉलेज के प्रोफेसरों के बीच प्रेम प्रसंग के कारण छात्र परेशानी में हैं। पत्र में प्रोफेसर मैडम के बीच चल रहे प्रेम प्रसंग का जिक्र है। इतना ही नहीं एक प्रोफेसर ने अपने दोस्त को विजिटिंग लेक्चर के लिए बुलाया और फिर प्रोफेसर ने अपने दोस्त के लिए सीट खाली कर दी। पत्र में उल्लेख किया गया है कि दो छात्रों ने प्रोफेसर की दुर्भावना के कारण कॉलेज छोड़ दिया है। हरि वंदना कॉलेज का प्रबंधन सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के सरकार द्वारा नियुक्त सिंडिकेट सदस्य महेश चौहान द्वारा किया जाता है।  

जांच में ऐसी कोई समस्या भी सामने नहीं आई


हालांकि कॉलेज प्राचार्य सागर बाबरिया ने बयान दिया है कि ऐसा कोई पत्र नहीं आया है। उन्होंने कहा, मुझे इस पत्र के बारे में मीडिया के माध्यम से पता चला है। एक महीने पहले इस तरह के एक मुद्दे की बात हुई थी जिसके बाद हमने प्रत्येक छात्र से व्यक्तिगत रूप से पूछा लेकिन किसी भी छात्र ने इसके बारे में कुछ नहीं कहा, और ऐसी कोई समस्या भी सामने नहीं आई। पत्र में 17 जुलाई का तारीख लिया है। हमने विश्वविद्यालय से भी पूछा, लेकिन ऐसा कोई पत्र नहीं है। 

हो सकता है किसी ने ईर्ष्या से ऐसा पत्र लिखकर वायरल कर दिया हो


हालांकि मीडिया के जरिए यह जानकारी मिलने के बाद हमने पड़ताल की। पत्र में कथित रूप से ऐसा कोई तथ्य नहीं है। हो सकता है कि किसी ने गुस्से या ईर्ष्या से ऐसा पत्र लिखकर वायरल कर दिया हो। हमें खेद है कि यह पत्र वायरल हो गया। हमने छात्रों से यह भी पूछा कि क्या उन्हें कोई समस्या है। हमें उसमें भी ऐसा कुछ नहीं मिला।
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