कोरोना में डर से टीबी की जांच कराने से कतरा रहे मरीज़

कोरोना के मुक़ाबले दुगना है टीबी का मृत्युदर

शहर सहित देशभर में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण ने सब को चिंतित कर दिया है। लेकिन दूसरी ओर कोरोना की अपेक्षा टीबी से मरने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। हर साल देश में टीबी के कारण लगभग 28 लाख मरीज दर्ज होते हैं। जिनमें की चार लाख से अधिक मरीज मर जाते हैं। कोरोनावायरस के कारण टीबी के मरीजों की संख्या बढ़ जाए ऐसा भी लग रहा है। क्योंकि कोरोना के डर, ट्रांसपोर्टेशन के अभाव, बेरोजगारी, माइग्रेशन तथा हॉस्पिटल तक पहुंचने के लिए होने वाली समस्याओं के चलते टीबी के मरीज जांच पड़ताल के लिए और उपचार के लिए नहीं आ रहे हैं। इसके चलते टीबी का संक्रमण फैलने का भय फैल गया है। 
टीबी के प्रति होगा जागृती लाने का प्रयास
इस साल भारत सरकार की ओर से विश्व टीबी डे को एक जन आंदोलन के तौर पर मनाया जाएगा। कोरोना के मरीजों को टीबी होने की आशंका भी रहती है। कोरोना में जहां डेढ़ से दो प्रतिशत लोगों की मौत होती है, वहीं टीबी का मृत्युदर 4 से 5 प्रतिशत है। ऐसा डॉ.पारुल वडगामा ने बताया। सूरत जिला के टीवी ऑफिसर ने बताया कि निजी हॉस्पिटल या सरकारी हॉस्पिटल में जांच लेने वालों उपचार लेने वालों की जानकारी इकट्ठा की जाती है यदि जानकारी साझा नहीं की गई तो उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है।

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