कोरोना जांच से बचने ट्रेन से उतरकर यूं भागते हैं यात्री!

कोरोना जांच से बचने ट्रेन से उतरकर यूं भागते हैं यात्री!

परिक्षण के डर से भाग रहे है लोग, न मास्क और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का हो रहा है पालन

देश में हर दिन कोरोना के रिकॉर्ड मामलें सामने आ रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर से काम के चक्कर में अपने घर से दूर रहने वाले श्रमिकों ने शहर से पलायन करना शुरू कर दिया है। इस बीच, बिहार के बक्सर रेलवे स्टेशन से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में दर्जनों लोगजाँच से बचने के लिए स्टेशन से भागते हुए दिखाई देते हैं। इस वीडियो को एक पत्रकार द्वारा ट्वीट किया गया है। इस वीडियो को ट्वीट करते हुए मनीष ने लिखा “यह दृश्य कल रात बक्सर स्टेशन का हैं और ये यात्री पुणे -पटना से उतरे हैं और कोरोना जाँच ना कराना पड़े इसलिए भाग रहे हैं।“  आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में घोषणा की कि देश के विभिन्न हिस्सों से बिहार आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग के लिए बिहार के प्रत्येक रेलवे स्टेशन पर दैनिक रूप से कोविड परीक्षणों की व्यवस्था की जाएगी।
इस वीडियो में हैरान करने वाली बात यह है कि कुछ लोग ट्रेन से उतरते है और बिना मास्क के भागते देखे गए। इस पुरे वाकये में सामाजिक दूरी का पालन नहीं देखा गया। इन लोगों में से अधिकांश इसलिए भाग रहे थे ताकि उनका परिक्षण अना हो और उन्हें क्वारंटाइन ना कर दिया जाये।
इस वीडियो पर सोशल मीडिया उपभोगता अपने अपने विचार के अनुसार जवाब दे रहे है। एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि इसका कारण यह है कि लोगों को यह डर पसंद है कि अगर कोरोना आता है, तो उन्हें जबरन एक नारकीय प्रणाली वाले सरकारी भवन में बंद कर दिया जाएगा।

एक अन्य उपभोगता ने लिखा कि ”तो और क्या करे?? ,ये वर्क फ्राम होम वाले नही है जो कुकींग विङीयो इंटरनेट पर ङाल कर टाईम पास करतें है ,इनकी रोजी रोटी छीनकर अब ये दोष भी गरीबो पर लगाओ की कोरोना ये फैलाते है,कोई ये पूछ रहा है की 6 महीने से कोरोना कहां था और वैक्सीन आते ही एकदम से कैसे आ गया??
तो राजेश श्रीवास्तव नाम के एक यूजर ने लिखा कि, अगर मैं इन यात्रियों की जगह पर होता तो मैं भी ऐसा ही करता। आपने बुनियादी ढांचे को देखा, जहां हजारों यात्रियों का परीक्षण करने के लिए एक छोटा काउंटर और तीन से चार लोग हैं। 24 घंटे की यात्रा के बाद, भले ही वे लोग लाइन में खड़े हों और कोरोना परीक्षण करवा लें, इसका मतलब है कि तैयारी करने वालों का कोई पता नहीं है।
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