नवसारी : आम चोरी को लेकर ऐसा बवाल मचा कि पुलिस को फायरिंग करनी पड़ गई, जानें पूरा मामला
By Loktej
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पुलिस ने दंगा करने के लिए 17 को गिरफ्तार किया, अन्य की तलाश जारी
नवसारी जिले के गणदेवी के काचोली गाँव में, दो दिन पहले एक बाग से आम चोरी करते पकड़े गए आदिवासी युवकों को बाग के मालिकों ने बांध कर गाँवभर में घुमाया और जमकर पीटा। रविवार को गाँव के आदिवासी समुदाय के लोग जमींदार से इस मुद्दे पर बात करने गए थे, तभी वहां बवाल हो गया। स्थल पर पुलिस के आने पर वहां के लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। इस पथराव में डीवाईएसपी, उनके कमांडो और एक पीएसआई घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने हवा में चार राउंड फायर किए। जिले के कछौली गांव में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शनिवार दोपहर को गणदेवी तालुका के काछोली गांव में डूंगरी फलिया में रहने वाले पांच आदिवासी युवकों को वाडी के मालिक निमेश सुरेशचंद्र नाइक ने अंबावाड़ी में चोरी करने के लिए पकड़ लिया था। जिसमें दो युवकों के भाग जाने पर पकड़े गए तीनों लोगों को अंबावड़ी के ग्रामीणों ने बांधकर गाँव भर में घुमाया। इसके बाद उन सभी को प्लास्टिक के पाइप से मारा। फिर अमलसाद चौकी को सूचना देते हुए उन्हें पुलिस को सौंप दिया।
ऐसे में गणदेवी पुलिस ने कोविड -19 की घोषणा का उल्लंघन करने के लिए शनिवार 17-8-2021 को तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें अगले दिन, यानी रविवार को जमानत पर रिहा कर दिया। आदिवासी युवकों द्वारा आम की चोरी करने पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने और फिर उन्हें पुलिस में सौप देने के कारण आदिवासी समुदाय के लोग भड़क उठे। उनके अनुसार, जिसके वाडी में चोरी हुई उसके अलावा सभी वाड़ी के मालिक कैसे एक साथ मिलकर कानून को अपने हाथ में ले सकते हैं? ऐसे मामले में तो आरोपी को सीधे पुलिस को सौंप दिया जाना चाहिए था। जब यह पूछने के लिए आदिवासी समुदाय से लोग वाडी के मालिक के घर गए। वहां उग्र बोलचाल होने पर पुलिस को घटनास्थल पर बुलाया गया। रविवार देर रात चली बातचीत में पुलिस ने भी आदिवासियों को मनाने की कोशिश की। लेकिन जब कोई समझने को तैयार नहीं था, तो पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए डंडों का इस्तेमाल करना शुरू किया जिससे उत्तेजित आदिवासी भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। हालात हाथ से निकलते ही जिले भर से पुलिस बुला ली गई।
इस बीच, नवसारी डीवाईएसपी एस.जे. राणा के सिर पर चोट लगने से खून बह रहा था। उन्हें 10 टाँके लगवाने पड़े। उनके कमांडो जीतूभाई के भी हाथ में चोट आई थी। जबकि बिलिमोरा के पीएसआई केएम वसावा और बिलिमोरा सीपीआई एमबी राठौड़ को भी मामूली चोटें आईं। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए चार राउंड हवाई फायर किए। इससे भीड़ वहां से भाग गई। इस घटना के बाद से पुलिस गांव में चौबीसों घंटे गश्त कर रही है और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रही है।
आपको बता दें कि इस मामले में गणदेवी पुलिस के पी.एस.आई. पराक्रम सिंह कछवाहा ने 50 से 55 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के बाद, दंगा निवारण अधिनियम और महामारी अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करते हुए 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया। जबकि अन्य लोगों की तलाश जारी है।