मध्यप्रदेश : घर आई बेटियों के स्वागत में हुआ महोत्सव, सजाए गए रथ में मां और बेटियों को कस्बे में घुमाया गया

मध्यप्रदेश : घर आई बेटियों के स्वागत में हुआ महोत्सव, सजाए गए रथ में मां और बेटियों को कस्बे में घुमाया गया

गणेश चतुर्थी के दिन दो जुड़वां बेटियों ने लिया जन्म, नाम रखा गया रिद्धि-सिद्धि

एक समय था जब लोगों में बेटियों के जन्म पर दुखी होते थे और मातम मानते थे. बेटियों से ज्यादा बेटों की चाहत रखने वाले लोगों के लिए बेटी का पैदा होना किसी भी प्रकार से ख़ुशी की बात नहीं होती थी लेकिन अब समय बदल रहा है. अब समाज में कुछ लोग ऐसे भी है जो बेटा-बेटी में फर्क नहीं करते. लोग तो अब बेटियों के जन्म को भी उत्सव की तरह मनाते है. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के धार जिले से सामने आया है, जहां दो जुड़वां बेटियों का जन्म होने पर पूरा घर इतना खुश हुआ कि दोनों बेटियों को रथ में बैठाकर घर में प्रवेश कराया गया. मध्य प्रदेश के धार जिले के कुक्षी तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम कोण्दा में जुड़वां बेटियों के घर आगमन पर परिवार बहुत खुश था और दोनों बेटियों और उनकी मां को सजाए गए रथ में घर लाया गया। इससे पहले दोनों बेटियों और मां के रथ को ढोल-नगाड़ों से दो घंटे तक कस्बे में घुमाया गया। इस दौरान बेटियों के दादा-दादी और परिवार के अन्य सदस्यों ने रथ के आगे जमकर डांस किया। और फिर दुल्हन की तरह उनके पैरों को रोली में भिगोकर घर में छापे गए।
जानकारी के अनुसार धार के रहने वाले मयूर भायल की पत्नी गर्भावस्था में अपने मायके गई हुई थी, जहां उन्होंने 11 सितंबर 2021 को गणेश चतुर्थी के दिन दो जुड़वां बेटियों को जन्म दिया था. जन्म के बाद से चार महीने अपने नाना के यहां रहने के बाद जब दोनों बेटियां अपने घर पहुंची तो उनके स्वागत के लिए शानदार तैयारियां की गई. ससुराल वालों ने बहू को दोनों बेटियों के साथ रथ में बैठाया और ढोल-नगाड़ों के साथ घर तक लाए. कोनंदा की रहने वाली मयूर भायाल की पत्नी अपने पिता के घर डोगांव गांव गई थी।
गांव के लोगों ने बेटियों के दादा जगदीश भायाल के विचार की सराहना की। डेढ़ साल पहले जगदीश ने अपने बेटे की शादी धूमधाम से मनाई थी। गणेश चतुर्थी के दिन वाहू ने दो पुत्रियों को जन्म दिया। बेटी के पिता मयूर भयाल की कुक्षी में कपड़े की दुकान है। दादा जगदीश भायाल के 6 विधा फार्म हैं।