केरल : 17 साल पहले गुम हुआ बेटा, पिता ने कर ली ख़ुदकुशी, आत्महत्या का कारण अज्ञात

अलाप्पुझा के रहने वाले राजू 52 साल ने पत्नी और बेटी के बाहर जाने पर उठाया ये खौफनाक कदम

किसी भी माँ-बाप के लिए अपने बच्चे को खोने का दर्द सबसे बड़ा होता है। ये दर्द मां-बाप से बेहतर कोई नहीं जान सकता। यह दुख तब और बढ़ जाता है जब किसी को पता ही नहीं चलता कि बच्चा कहां गया है। केरल में 17 साल पहले खेलते हुए 7 साल का एक बच्चा लापता हो गया था। केरल में सबसे सनसनीखेज अनसुलझे मामलों में से एक, इस मामले की पुलिस, अपराध शाखा और सीबीआई की तीन टीमों ने सालों तक जांच की, लेकिन कुछ भी नहीं मिला। उसके बाद से बेटे की तलाश कर रहे उसके पिता एआर राजू ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस ने आत्महत्या की पुष्टि की है लेकिन यह नहीं बताया कि राजू ने यह कदम क्यों उठाया।
आपको बता दें कि अलाप्पुझा के रहने वाले राजू 52 साल के थे। परिवार में पत्नी के अलावा उनकी एक बेटी भी है। उनका जन्म उनके बेटे राहुल के लापता होने के बाद हुआ था। पड़ोसी एमएस मुजीब के मुताबिक राजू पिछले कुछ समय से नौकरी की तलाश में था। पत्नी मिनी एक को-ऑपरेटिव कंपनी में पार्ट टाइम जॉब कर किसी तरह घर चलाती थी। रविवार को उसकी पत्नी और बेटी के बाहर जाने पर राजू ने आत्महत्या कर ली।
जानकारी के अनुसार राजू का बेटा राहुल 18 मई 2005 को घर के बाहर खेलते समय लापता हो गया था। राजू उस समय कुवैत में एक निजी कंपनी में कार्यरत था। बेटे के लापता होने की खबर मिलते ही उसने नौकरी छोड़ दी और अगले दिन वापस लौटकर तलाश करने लगा। पुलिस मामले की जांच कर रही है। क्राइम ब्रांच ने भी राहुल को खोजने की कोशिश की। बिना किसी सबूत के केस सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई की तीन टीमों ने सालों तक राहुल की जांच की। सीबीआई ने 2009 में मामले को बंद करने की अनुमति मांगी लेकिन अदालत ने वैज्ञानिक जांच के आदेश दिए। सीबीआई ने जांच के दौरान राजू के दो दर्जन से ज्यादा पड़ोसियों से पूछताछ की। एक पड़ोसी ने राजू जॉर्ज का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया। सभी जगहों पर जाकर लावारिस लाशों में राहुल को खोजा गया। देश भर में लापता बच्चों के बीच राहुल को खोजा गया। एक बार की बात है, आंध्र प्रदेश में रेलवे ट्रैक पर मिली लाश को देखकर लगा कि शायद राहुल की हो, लेकिन उसकी जांच भी बेअसर रही। इस बीच, घटनाओं का एक चौंकाने वाला मोड़ आया जब कृष्णा पिल्लई, जिसे एक नाबालिग लड़की के यौन शोषण और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, ने दावा किया कि उसने राहुल को मार डाला था। उन्होंने कहा कि उन्होंने राहुल के शव को अलाप्पुझा की एक झील में फेंक दिया। पुलिस ने पूरे इलाके की तलाशी ली, लेकिन कुछ नहीं मिला। 2014 में सीबीआई ने कोच्चि की सीजेएम कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
हालांकि, राजू और उनके परिवार ने राहुल की वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ी। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से केरल में कई जगहों पर अपने बेटे की जांच की। वह लगातार फोन देख रहा था, सोच रहा था कि क्या राहुल अब फोन करेगा क्योंकि उसे फोन नंबर याद था। उसकी एक फोटो रखें क्योंकि कभी-कभी मिलने पर वह उसे पहचान सके। इसी बीच राजू कुवैत चला गया और दोबारा नौकरी पाने की कोशिश की, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण उसे वापस लौटना पड़ा।
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