यदि सब कुछ सही रहा तो अब पाकिस्तान भारतीय मछुआरों का अपहरण नहीं कर सकेगा!

यदि सब कुछ सही रहा तो अब पाकिस्तान भारतीय मछुआरों का अपहरण नहीं कर सकेगा!

अहमदाबाद स्थित रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी कंपनी इंफिट्रॉन एडवांस्ड सिस्टम्स एक एंटी-जैम-एंटी-स्पूफिंग सिस्टम विकसित कर रही है, जो ऐसी बोट को भटकने उर पाकिस्तानी सीमा में जाने से रोक सके

पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (पीएमएसए) द्वारा नावों सहित भारतीय मछुआरों का अपहरण कर लेने की खबरे आये दिन अति रहती है। गुजरात के मछुआरों के साथ ऐसी घटनाएं ज्यादा आम हैं, लेकिन अब पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसी के लिए ऐसा करना नामुमकिन होगा। अहमदाबाद स्थित रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी कंपनी इंफिट्रॉन एडवांस्ड सिस्टम्स एक एंटी-जैम-एंटी-स्पूफिंग सिस्टम विकसित कर रही है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि फिशिंग बोट नेविगेशन और जीपीएस सिस्टम बिल्कुल सही से काम करें और ऐसी कोई घटना ना बने।
जानकारी के अनुसार एडवांस सिस्टम्स के संस्थापक और सीईओ हिमांशु दवे ने कहा कि पाकिस्तानी एजेंसियां जैमर से भारतीय नाव के जीपीएस सिस्टम में आने वाले सिग्नल को ब्लॉक कर रही हैं, जिससे उन्हें सही लोकेशन नहीं मिल पा रही है। ऐसे में भारतीय नौकाओं के अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर दूसरे देश जाने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा स्पूफिंग सिग्नल भी जारी किया जाता है। स्पूफिंग के कारण जीपीएस गलत दिशा दिखाता है। इसका मतलब यह है कि नाव भले ही उत्तर में हो, लेकिन यह दक्षिण में स्थान दिखाती है। इससे मछुआरे या अन्य नावें खो जाती हैं।
हिमांशु दवे ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में जीपीएस सिस्टम लोकेशन सेट करने के लिए तीन सैटेलाइट से जुड़ता है। हमने जो सिस्टम विकसित किया है उसमें इस डिवाइस में चार चैनल हैं जो एक साथ 12 सैटेलाइट को कनेक्ट करेंगे। इससे सिग्नल जाम होने पर भी आंतरिक एल्गोरिथम के आधार पर जीपीएस सिस्टम कमजोर हो जाएगा और सिग्नल अन्य उपग्रहों से जुड़ जाएगा और आपकी स्थिति का पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की एंटी-जैमिंग और एंटी-स्पूफिंग तकनीक दुनिया में 2 कंपनियां बनाती है, जिनकी कीमत 10 लाख से ज्यादा हैं। यह कीमत मछुआरों के लिए बहुत महंगा है। हमारा डिवाइस इस कीमत से काफी सस्ता और ज्यादा किफायती होगा। यह पूरी तरह स्वदेशी प्रणाली होगी और इसलिए इसकी कीमत भी काफी कम होगी। अभी तक किसी भी भारतीय कंपनी ने ऐसा सिस्टम या डिवाइस विकसित नहीं किया है। हमने एक पूर्ण स्वदेशी प्रणाली इस तरह विकसित की है कि ये दोनों चीजें एक डिवाइस में मिल सकती हैं।
दिव्यभास्कर की रिपोर्ट के अनुसार ये कई वर्षों से, भारत एंटी-जैमिंग और एंटी-स्पूफिंग तकनीकों को विकसित करने के लिए काम कर रहा है। हिमांशु दवे और उनकी तकनीकी टीम ने तीन साल के शोध के बाद इस प्रणाली का एक प्रोटोटाइप डिवाइस तैयार किया है। उन्होंने आगे कहा कि हम जल्द ही भारत सरकार द्वारा अनुमोदित प्रयोगशाला में प्रोटोटाइप को मान्यता प्राप्त कर लेंगे और इसे रक्षा के मेक-द्वितीय परियोजना को मंजूरी के लिए भेज देंगे। इसके अलावा, ऐसे उपकरणों के प्रस्ताव भारतीय नौसेना और भारतीय गृह विभाग को भेजे जाएंगे।
नेशनल फिशवर्कर्स फोरम (एनएफएफ) के गुजरात सचिव मनीष लोधारी ने दिव्यभास्कर को बताया कि गुजरात में 25,000 से ज्यादा फिशिंग बोट हैं। पिछले 15 वर्षों में, पाकिस्तान समुद्री एजेंसी द्वारा 1,200 से अधिक भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं को जब्त किया गया है। मछली पकड़ने वाली नौकाओं में उनका मार्गदर्शन करने के लिए एक जीपीएस सिस्टम होता है, लेकिन आज भी कई मछुआरे इस प्रणाली को नहीं समझते हैं, इसलिए वे पाकिस्तानी पानी में जाते रहते हैं। इसके अलावा गुजरात के समुद्रों में बढ़ते प्रदूषण के कारण मछुआरे अक्सर अच्छी मछलियों के लिए सीमा पार कर जाते हैं।
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