गुजरात : शिक्षक दिवस पर आदिवासी एवं वन मंत्री रमनलाल पाटकर ने 8 श्रेष्ठ शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र सौंपा

गुजरात :  शिक्षक दिवस  पर आदिवासी एवं वन मंत्री रमनलाल पाटकर ने  8 श्रेष्ठ शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र सौंपा

वलसाड जिले के शिक्षा विभाग द्वारा जिले की छात्र कल्याण योजनाएं एवं जिले के नये प्रयोगों का आलेखन पांच वर्ष की शिक्षण यात्रा पुस्तिका का विमोचन

समाज के निर्माण में शिक्षा का योगदान महत्वपूर्ण है। आदिवासी मामलों और वन राज्य मंत्री रमनलाल पाटकर ने कहा कि राज्य सरकार ने छात्रों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके शिक्षा को बदल दिया है। उन्होंने यह बात रविवार 5 सितंबर को बी.ए.पी.एस.स्वामीनारायण हाई स्कूल अब्रामा में आयोजित शिक्षक दिवस के अवसर पर कही।
   मंत्री ने देश के पूर्व राष्ट्रपति और शिक्षक को श्रद्धांजलि दी जिनके सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। राधापल्ली सर्वकृष्णन की 134वीं जयंती पर डॉ. राधाकृष्णन को याद करते हुए उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा दिए गए अमूल्य योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि राधाकृष्णन के देश के राष्ट्रपति बनने के बाद भी यह कहकर शिक्षा का महत्व बढ़ा दिया था कि पहले मैं शिक्षक हूं और फिर राष्ट्रपति। इस मौके पर मंत्री ने शिक्षकों को सर्वपल्ली ने राधाकृष्ण के गुणों को अपने जीवन में उतारने की बात कही।
   इस मौके पर मंत्री ने आगे कहा कि आज के शिक्षक अपने स्कूलों को सुंदर बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं। कोरोना जैसी महामारी में भी राज्य के शिक्षा विभाग ने पढ़ाना बंद नहीं किया है और शिक्षकों ने ऑनलाइन माध्यम से छात्रों को शिक्षा प्रदान की है। मंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर मंत्री ने वलसाड जिले के संस्कार विद्यामंदिर प्राथमिक विद्यालय खोखरा के राज्य स्तरीय सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार के विजेता बिपिनभाई पटेल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एवार्ड विजेता बिपिनभाई पटेल ने 2018 में उन्हें मिले 50 हजार रुपये उन्होंने अपने स्कूल और छात्रों के विकास के लिए देकर एक उत्कृष्ट शिक्षक की मिसाल पेश की है।   
 इस अवसर पर जिला पंचायत वलसाड की अध्यक्ष श्रीमती अलकाबेन शाह शिक्षिका अर्थात सरस्वती का स्वरुप हैं। शिक्षक समाज का निर्माता होता है। शिक्षा और संस्कृत एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, शिक्षक बहुजन हिताय बहुजन सुखाय में आस्था रखते हैं। इसे समझाते हुए उन्होंने शिक्षा दिवस का महत्व समझाया। श्रीमती शाह ने कहा कि राज्य सरकार छात्रों को तकनीकी शिक्षा प्रदान कर रही है और इस प्रकार राज्य सरकार स्कूलों और छात्रों के विकास के लिए विभिन्न कदम उठा रही है।
  इस अवसर पर वलसाड के सांसद डॉ. के. सी. पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि भारत सरकार शिक्षा के विकास के लिए देश के बजट में ज्यादा पैसा आवंटित करती है। समाज को आकार देने में शिक्षकों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। श्री पटेल ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के राष्ट्रीय कार्यक्रमों में शिक्षकों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। कोरोना जैसी महामारी में भी शिक्षकों ने अपना काम बखूबी किया है।
    इस अवसर पर वलसाड, धरमपुर, पारडी एवं कपराडा के विधायक भरतभाई पटेल, अरविन्दभाई पटेल, कनुभाई देसाई एवं जीतूभाई चौधरी एवं वलसाड कलेक्टर  क्षिप्रा आग्रे ने प्रासंगिक भाषण दिये। जिला शिक्षा अधिकारी  के. एफ. वसावा एवं आभार विधि  जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी बी. डी. बारिया ने किया। उन्नातीबेन देसाई ने कार्यक्रम में उद्घोषक के रूप में अपनी सेवाएं दीं। वलसाड जिला पंचायत के शिक्षण समिति के चेयरमैन श्रीमती निर्मलाबेन जादव, जिला कलेक्टर क्षिप्रा आग्रे,  जिला विकास अधिकारी मनीष गुरुवानी, शिक्षा निरीक्षक श्रीमती आशाबेन चौधरी के अलावा प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा विभाग शिक्षण संघ के पदाधिकारी एवं शिक्षक उपस्थित रहे। 
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