अहमदाबाद : बीयू परमिशन को लेकर विवाद के चलते अस्पताल संचालकों और चिकित्सों की दूसरे दिन भी हड़ताल, रक्तदान शिविर रखा

अहमदाबाद : बीयू परमिशन को लेकर विवाद के चलते अस्पताल संचालकों और चिकित्सों की दूसरे दिन भी हड़ताल, रक्तदान शिविर रखा

अहमदाबाद में 400 से अधिक अस्पतालों में सी फॉर्म रिन्यूअल के मामले पर असंतुष्ट शहर के अस्पताल और नर्सिंग होम संचालक एवं चिकित्सक शनिवार से हड़ताल पर हैं। रविवार को हड़ताल का दूसरा दिन रहा। शहर के डॉक्टरों ने इस दिन साबरमती रिवर फ्रंट पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया। जहां तक हड़ताल का संबंध है डॉक्टरों की मांग है कि सी फॉर्म में रिन्यूअल के लिए बिल्डिंग यूज परमिशन का जो नियम है, उसे दूर किया जाए। बीयू परमिशन के मसले को लेकर अनेक अस्पतालों के सी फॉर्म रिन्यूअल अटक गए हैं। डॉक्टरों की इस दो दिवसीय हड़ताल के कारण मरीजों को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों ने ओपीडी और ऑपरेशन बंद कर दिए हैं, हालांकि आपात सेवाएं जारी है।
आपको बता दें की हड़ताल रत अहमदाबाद के निजी अस्पताल संचालकों और चिकित्सकों ने शनिवार को शहर के वल्लभ सदन आश्रम रोड पर एक विशाल रैली की थी। धरना प्रदर्शन के साथ-साथ राम धुन का भी आयोजन किया गया था। आंदोलनकारी चिकित्सकों का तर्क है कि भले हड़ताल के माध्यम से अपना विरोध दर्ज करवा रहे हों, परंतु उनकी भावना शुद्ध है और इसी का द्योतक है कि रक्तदान शिविर का कार्यक्रम करके भी समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का वहन कर रहे हैं। उनके द्वारा की गई अनेकों पेशकश के बाद भी उनकी मांगों का कोई समाधान दिख नहीं रहा है और इसी कारण उन्हें हड़ताल का यह कदम उठाना पड़ा है।
अहमदाबाद साबरमती रिवरफ्रंट का विहंगम दृश्य (प्रतिकात्मक फाइल तस्वीर)
जहां तक चिकित्सकों की समस्या का संबंध है आपको बता दें कि 1949 से 2021 तक शहर के सभी अस्पतालों और नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन होता आया है। अब तक इस पंजीकरण में किसी प्रकार की कोई दिक्कत का अनुभव नहीं हुआ। लेकिन अक्टूबर 2021 से अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने एक नया नियम जोड़ दिया जिसमें पंजीकरण के लिए बिल्डिंग यूज प्रमाण पत्र आवश्यक कर दिया गया। इसी का चिकित्सक विरोध कर रहे हैं। अक्टूबर 2021 से पहले नर्सिंग होम और अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन के लिए बीयू प्रमाण पत्र की कोई जरूरत नहीं होती थी। अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन संबंधित अस्पताल की योग्यता सहित स्टाफ की जानकारी जुटाकर आवश्यक प्रमाण पत्र जारी कर दिया करते थे जिसे सामान्य रूप में फॉर्म सी के रूप में पहचाना जाता है।
अस्पताल संचालकों का तर्क यह भी है कि फॉर्म सी मंजूरी केवल मॉडर्न मेडिसिन के साथ काम करने वाले हेल्थ केयर सुविधाओं पर ही लागू की गई है। रेस्तरां और अन्य सेवाएं देने वालों के लिए अलग से पंजीकरण की कोई आवश्यकता नहीं और उन्हें उनके बीयू स्टेटस को ध्यान में लेकर काम करने की मंजूरी प्रदान की जाती है, तो हेल्थ केयर सेवा के लिए इसे अनिवार्य क्यों किया जा रहा है? ऐसा नियम अस्पताल संचालकों के साथ एक प्रकार से भेदभाव पूर्ण रवैया है।