गुजरात : मानसून में देरी होने पर हो सकती है पानी की किल्लत

बांधों में 25 फीसदी से कम पानी बचा, गर्मी में 11 लाख हेक्टेयर बुवाई

गुजरात : मानसून में देरी होने पर हो सकती है पानी की किल्लत

अहमदाबाद, 25 अप्रैल (हि.स.)। राज्य में यदि मानसून देर से आता है तो कई इलाकों में लोगों को जल की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। गर्मी के शुरू होते ही राज्य के जलाशयों की स्थिति चिंताजनक होने लगी थी। अब हालात ऐसे हैं कि समय पर बारिश न हुई तो सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी।

गुजरात की जीवन रेखा समान सरदार सरोवर बांध में अभी 50 फीसदी पानी संग्रहित है। यह पानी ही गुजरात के कठिन समय में अमृत समान काम करता है। इसके अलावा राज्य के 114 जलाशयों में 25 फीसदी से कम पानी है। वहीं 67 जलाशयों में 10 फीसदी से कम और 15 जलाशय खाली हो चुके हैं। गर्मी के सीजन में अभी तक 11.48 लाख हेक्टेयर जमीन में बुवाई हो चुकी है। पिछले साल गर्मी में 11.56 लाख हेक्टेयर बुवाई हुई थी। इस साल 3.16 लाख हेक्टेयर में बाजरा, 1.15 लाख हेक्टेयर में तील, 1 लाख हेक्टेयर में सब्जी, 3.50 लाख हेक्टेयर में घास की बुवाई की गई है। एक महीना पहले राज्य के जलाशयों में 58 फीसदी पानी संग्रहित था। वहीं अब यह घटकर 47 फीसदी रह गया है। यानी एक महीने में 11 फीसदी पानी का संग्रह कम हुआ है। राज्य सरकार का कहना है कि गाइडलाइन के अनुसार पीने के पानी की आपूर्ति करना प्राथमिकता है। दक्षिण गुजरात के उकाई बांध में शीतऋतु के फसल के लिए पानी की आपूर्ति की गई थी। वहीं 50 हजार हेक्टेयर जमीन में गर्मी की फसल की सिंचाई के लिए पानी दिया गया। अब बांध की स्थिति को देखते हुए पीने के पानी की व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी।

राज्य में बुवाई की स्थिति

बनासकांठा में सबसे अधिक 3 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई है। इसमें 1.69 लाख हेक्टेयर में बाजरा की बुवाई है। राज्य के किसी भी जिले में 1 लाख हेक्टेयर से अधिक बुवाई नहीं की गई है। आणंद जिले में 73 हजार हेक्टेयर, जूनागढ़ में 55 हजार हेक्टेयर, डांग में 2 हजार हेक्टेयर, नर्मदा में 38 हजार हेक्टेयर, द्वारका में 4600 हेक्टेयर और वलसाड में 5700 हेक्टेयर जमीन में गर्मी के फसलों की बुवाई की गई है।

राज्य के जलाशयों की स्थिति

राज्य में 90 फीसदी से अधिक भरे जलाशयों की संख्या दो है जबकि 80 से 90 फीसदी भरे जलाशयों की संख्या 5, 70 से 80 फीसदी से अधिक भरे जलाशयों की संख्या 6, 50 से 70 फीसदी भरे जलाशयों की संख्या 26, 25 से 50 फीसदी भरे जलाशयों की संख्या 52, 10 से 25 फीसदी भरे जलाशयों की संख्या 47, 5 से 10 फीसदी तक भरे जलाशयों की संख्या 20, 0 से 5 फीसदी तक भरे जलाशयों की संख्या 32, बिल्कुल खाली हो चुके जलाशयों की संख्या 15 है।

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