अफगानिस्तान: तालिबानी आतंक के बीच नौकरी छोड़कर भाग रहे हैं लड़ाकू पायलट

अफगानिस्तान: तालिबानी आतंक के बीच नौकरी छोड़कर भाग रहे हैं लड़ाकू पायलट

समांगन प्रांत की राजधानी अबक पर आतंकियों ने कब्जा कर लिया

तालिबानी आतंक से जूझ रहे अफगान सरकार तालिबान को रोकने के लिए अपनी वायु सेना का अधिकतम उपयोग करने की कोशिश कर रही है, लेकिन वायु सेना के लड़ाकू जेट विमानों की जर्जर स्थिति और तालिबान आतंकवादियों द्वारा वायु सेना के पायलटों को निशाना बनाए जाने के कारण बहुत से पायलट अपनी नौकरी छोड़कर जा रहे हैं।
इस बीच, तालिबान ने एक सप्ताह में अफगानिस्तान के छठे शहर पर कब्जा कर लिया है।  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, समांगन प्रांत की राजधानी अबक पर आतंकियों ने कब्जा कर लिया है और तमाम सरकारी इमारतों के साथ-साथ पुलिस चौकियां भी इनके हाथ में आ गई हैं। तालिबान ने भी शहर पर कब्जा करने का दावा किया है।  अफगानिस्तान के कंधार और हेरात में लड़ाई अभी भी जारी है।
इस बीच, वायु सेना के पायलट अपनी नौकरी छोड़ रहे हैं।  नतीजतन, तालिबान से लड़ रहे अफगान सैनिकों को हवाई सुरक्षा नहीं मिल रही है जबकि इस जंग को जीतने के लिए वायुसेना की भूमिका बेहद अहम है। हाल ही में आठ अफगान पायलट मारे गए हैं, जिनमें ब्लैक हॉक पायलट हमीदुल्लाह अज़ीमी भी शामिल है। जिन्हें शनिवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के पास निशाना बनाया गया। उनकी कार में रखे बम से मौत हो गई।
दूसरी ओर, अमेरिका और नाटो देशों के सैनिक अचानक वापस चले गए हैं और उनके साथ जानकार रखरखाव दल भी वापस चले जाने से  अफगान वायु सेना को अब लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों के रखरखाव की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में, अफगान वायु सेना के 33 प्रतिशत विमान क्षतिग्रस्त हैं। स्पेयर पार्ट्स की भी कमी है और इससे पायलटों का मनोबल गिर रहा है।  राजधानी काबुल में भी पायलट खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।