सूरत : वीएनएसजीयू 55वां स्नातक समारोह में पगड़ी और पारंपरिक पोशाक के साथ छात्रों को डिग्री प्रदान की गई
पहली बार 17,375 छात्रों की डिग्री डिजीलॉकर पर अपलोड की गई
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी में आज आयोजित 55वां ग्रेजुएशन समारोह पहले से कहीं ज्यादा शानदार था। इस वर्ष विश्वविद्यालय में 17,375 युवा छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। इस स्नातक समारोह में महामहिम आचार्य देवव्रत और राज्य के शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पानसेरिया विशेष रूप से उपस्थित थे। जिनकी उपस्थिति में 12 संकायों के 96 पाठ्यक्रमों के 17,375 युवा विद्यार्थियों को पदक एवं उपाधियाँ प्रदान की गईं। इसके अलावा 81 पीएच.डी. एवं 4 एम.फिल. डिग्रियाँ प्रदान की गयीं। इसके साथ ही पहली बार विश्वविद्यालय द्वारा सभी 17,000 से अधिक डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों की डिग्रियां एक साथ डिजीलॉकर पर अपलोड की गईं।
आज के ग्रेजुएशन समारोह की कुछ खास बातें यह थीं कि पहली बार भारतीय संस्कृति के अनुसार हिंदू धर्मग्रंथों के मंत्रोच्चार के साथ ग्रेजुएशन समारोह हुआ। सूर्यपुर संस्कृत पाठशाला सूरत के 11 ऋषिकुमारों ने शंखनाद और 10 भूदेवों ने वैदिक मंत्रों और तैत्तिरीय उपनिषद के श्लोकों का उच्चारण करके समारोह की शुरुआत की। जिसके माध्यम से भारतीय संस्कृति की प्राचीन गुरुकुल परंपरा उजागर हुई। यहां मौजूद राज्य के शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पानसेरिया ने कहा कि इस ग्रेजुएशन समारोह में भारतीय संस्कृति की खास झलक देखने को मिली। भारत आज नई दिशा में आगे बढ़ रहा है और भारत की पुरानी व्यवस्था ही सर्वश्रेष्ठ है और आज दुनिया इसे स्वीकार कर रही है। विश्वविद्यालय द्वारा दीक्षांत समारोह वैदिक परंपरा से किया जाता है।
भारतीय परंपरा की थीम से सम्मानित किया गया
यूनिवर्सिटी का यह ग्रेजुएशन समारोह इसलिए भी बेहद खास था, क्योंकि इसमें छात्रों को भारतीय पारंपरिक परिधानों के साथ डिग्री देने की खास थीम रखी गई थी। आम तौर पर स्नातक समारोह में विश्वविद्यालय काला कोट और टोपी पहनने वाले छात्रों को विशेष डिग्री प्रदान करता है, लेकिन वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय ने उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों और डिग्री प्राप्त करने वाले सभी छात्रों को पारंपरिक भारतीय सांस्कृतिक पोशाक में डिग्री प्रदान की।
छात्रों की डिग्रियां डिजिलॉकर में उपलब्ध रहेंगी
प्रफुल्ल पानसेरिया ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय से 17,375 छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में डिग्री प्राप्त की है। मंच से करीब 120 छात्र-छात्राओं को डिग्री और मेडल से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी ने पहली बार डिग्री लेने वाले सभी छात्रों की डिग्रियां ऑनलाइन वेबसाइट पर अपलोड कर दी हैं। प्रदान की गई सभी 17,375 डिग्रियां छात्रों के डिजिलॉकर में उपलब्ध होंगी, जिन्हें छात्र अपनी लॉगिन आईडी से एक्सेस कर सकेंगे। राज्यपाल ने डिजिटल माध्यम से सभी डिग्रियां दूर से ही नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी में जमा करा दीं।
प्रथम मरणोपरांत पीएच.डी. डिग्री प्रदान की गई
नर्मद विश्वविद्यालय के 55वें ग्रेजुएशन समारोह में बर्फीवाला कॉलेज के सहा. प्रोफेसर स्वर्गीय मोहितकुमार प्रकाशचंद्र पटेल को मरणोपरांत पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया गया। उनके जुड़वां बेटों तीर्थ और तात्या ने राज्यपाल से उपाधि स्वीकार की। अब परिवार स्व. डॉ. मोहित कुमार पटेल लिख सकते हैं। नर्मद विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. के.एन.चावड़ा के मार्गदर्शन में स्वर्गीय मोहितकुमार पटेल वर्ष-2020 मेंप्लास्टिक विषय पर पीएचडी की पढ़ाई कर रहे थे। पढ़ाई के दौरान सारी रिसर्च पूरी की और पीएचडी की थीसिस भी तैयार की। इसी बीच ब्रेन स्ट्रोक के कारण इलाज के दौरान उनकी दुखद मृत्यु हो गई। विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद द्वारा मरणोपरांत पीएच.डी. की उपाधि प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इसलिए आज समारोह में दिवंगत प्रोफेसर के दो बच्चों को मंच पर बुलाया गया और उन्हें फादर की डिग्री से सम्मानित किया गया।