सूरत : पीएम मित्रा पार्क का संचालन वापी जीआईडीसी द्वारा किए जाने से उद्योगपतियों में असंतोष
1141 एकड़ में बनने वाला मित्रा पार्क सूरत के सबसे नजदीक लेकिन प्रशासनिक प्रक्रिया वापी जीआईडीसी के माध्यम से होगी
वांसी बोरसी को सूरत के पास जीआईडीसी क्षेत्र में शामिल करने या प्रशासनिक प्रक्रिया के लिए सूरत में कार्यालय खोलने की सुगबुगाहट
पीएम मित्रा पार्क (प्रधानमंत्री एकीकृत कपड़ा क्षेत्र और परिधान), जिसे नवसारी के पास वांसी बोरसी में 1141 एकड़ में साकार किया जाएगा। गुजरात का एक मात्र पीएम मित्रा पार्क का 22 फरवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के भूमिपूजन करने जा रहे है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि पीएम मित्रा पार्क का प्रबंधन सूरत से नहीं बल्कि वापी जीआईडीसी से होने से सूरत के उद्योगपतियों में नाराजगी के साथ-साथ भारी असंतोष भी है।
केंद्रीय मंत्रालय द्वारा सूरत के पास नवसारी में वांसी बोरसी में 1141 एकड़ जमीन पर पीएम मित्रा परिधान पार्क को मंजूरी दी गई थी, जो कपड़ा उद्योग से समृद्ध है। जिसके लिए 13 जुलाई 2023 को केंद्र और राज्य सरकार के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। प्रधानमंत्री मोदी के 5एफ विजन यानी फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फॉरेन के उद्देश्य को साकार करने में अहम भूमिका निभाने वाले पीएम मित्रा पार्क को 22 फरवरी को खुद प्रधानमंत्री के हाथों भूमिपूजन (शिलान्यास) किया जाएगा। जिसकी तैयारियां फिलहाल चल रही हैं, लेकिन इन तैयारियों के बीच सूरत के उद्योगपतियों में असंतोष देखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि प्रशासनिक सुगमता के लिए राज्य के विभिन्न जीआईडीसी क्षेत्रों को भौगोलिक स्थिति के अनुसार विभाजित किया गया है और नवसारी-वांसी बोरसी को वापी जीआईडीसी क्षेत्र में शामिल किया गया है। चूंकि सूरत नवसारी के सबसे करीब है, इसलिए सूरत के अधिकतम उद्योगपति पीएम मित्रा पार्क का लाभ उठायेंगे। लेकिन मित्रा पार्क का प्रबंधन वापी जीआईडीसी स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से किया जाएगा, इसलिए सूरत के व्यापारियों को प्लॉट बुकिंग से लेकर किसी भी तरह की प्रशासनिक प्रक्रिया के लिए अक्सर वापी जीआईडीसी कार्यालय जाना होगा।
इस मुद्दे पर उद्योगपतियों में नाराजगी है और यह सुगबुगाहट भी है कि मित्रा पार्क के प्रशासन के लिए सूरत में एक जीआईडीसी कार्यालय शुरू किया जाना चाहिए या नवसारी-वांसी बोरसी को सूरत के पास की जीआईडीसी में शामिल किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि जब मित्रा पार्क के लिए जमीन का सर्वे किया जा रहा था, तब कुछ उद्योगपतियों ने स्थानीय राजनीतिक नेताओं का ध्यान इस ओर दिलाया था।