अहमदाबाद : साणंद में स्थापित हो रहा माइक्रोन कंपनी का प्लान्ट देश में सेमीकंडक्टर सेक्टर को देगा नई दिशा
अगले 5 साल में सेमीकंडक्टर सेक्टर से गुजरात में 2 लाख से अधिक रोजगार सृजन का लक्ष्य
गांधीनगर, 30 नवंबर (हि.स.)। गुजरात को इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिज़ाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (इएसडीएम) और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक ग्लोबल सेन्टर के रूप में स्थापित करने के विजन के साथ राज्य ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग (2022-28) और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग (2022-27) के लिए अलग-अलग नीतियां लागू करके पूरे देश में एक बेहतर मिसाल पेश की है। सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए डेडिकेटेड पॉलिसी लॉन्चिग करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य है।
गुजरात में मैन्युफैक्चरर्स एक्टिविटीज को सुविधाजनक बनाने एवं उसे और आगे बढ़ावा देने के लिए इन नीतियों में सभी ज़रूरी प्रावधानों को शामिल किया गया है। इन नीतियों के माध्यम से गुजरात डिफेंस सेक्टर और टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर में सेमीकंडक्टर चिप के व्यापक उपयोग की संभावना की ओर देख रहा है। गुजरात सरकार का लक्ष्य है कि वह अपनी सेमीकंडक्टर पॉलिसी के माध्यम से इस सेक्टर में अगले 5 सालों में 2 लाख से अधिक रोजगार का सृजन करे। विश्व की बड़ी सेमीकंडक्टर चिप मैन्युफैक्चरर्स कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने गुजरात में निवेश के माध्यम से भारत में प्रवेश कर लिया है। कंपनी अहमदाबाद के निकट साणंद में अपने प्लांट स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है।
यह प्लांट सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में देश को नई दिशा देगा। सेमीकंडक्टर सेक्टर को गुजरात के भविष्य के विकास के लिए कोर स्ट्रेन्थ बनाने के उद्देश्य के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 से संबंधित विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रोड शो और प्रतिनिधिमंडल के दौरों का आयोजन किया है। गुजरात सरकार के प्रतिनिधिमंडल के इन दौरों ने राज्य की विकास यात्रा को प्रदर्शित करने, भविष्य के विकास के लिए राज्य के दृष्टिकोण को साझा करने और उन्हें गुजरात की विकास यात्रा में भागीदार बनने के लिए आमंत्रित करने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया।
वीजीजीएस 2024 से पहले विभिन्न अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय रोड शो और प्रतिनिधिमंडल दौरों के माध्यम से अब तक 1000 से अधिक कंपनियों से संपर्क किया जा चुका है। इन यात्राओं ने गुजरात के डेवलपमेन्ट विज़न के अनुरूप स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप को बढ़ावा देने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “विकसित भारत@2047” के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद की है।
प्रतिनिधिमंडल के इन दौरों और रोड शो के परिणामस्वरूप जापान, दक्षिण कोरिया की कंपनियों के साथ-साथ नई दिल्ली और बेंगलुरु में भारतीय-आधारित कंपनियों ने इस क्षेत्र में निवेश के अवसर तलाशने में गहरी रुचि दिखाई है। इन कंपनियों ने सेमीकंडक्टर इंडस्ट्रीज़ में रिसर्च और डेवलपमेन्ट, असेंबली टेस्टिंग, पैकेजिंग और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री व डेवलपिंग इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी सेन्टर्स के लिए महत्वपूर्ण कंपोनेन्ट की मैन्युफैक्चिरिंग में अपनी रुचि दिखाई है।
अंतरराष्ट्रीय रोड शो के दौरान इस संबंध में संपर्क में आने वाली कुछ कंपनियां- मित्सुई एंड कंपनी (जापान), शार्म कॉर्पोरेशन (जापान), अवनस्ट्रेट (जापान), होसिडेन (जापान), और सिम्मटेक (दक्षिण कोरिया) हैं। राष्ट्रीय रोड शो के दौरान इस संबंध में संपर्क में आने वाली कंपनियों में सियोल सेमीकंडक्टर, वी-गार्ड, एलएएम रिसर्च, डेल टेक्नोलॉजीस, मार्वल टेक्नोलॉजीस, और एनएक्सपी सेमीकंडक्टर कंपनी थी। इसके अलावा, गुजरात में बड़े पैमाने की परियोजनाएं स्थापित करने के लिए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कंपनियों के साथ फॉलोअप-डिसक्शन्स भी हो रहे हैं।
सेमीकंडक्टर्स और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग जैसे स्ट्रैटजिक सेक्टर्स के प्रति गुजरात सरकार का फोकस अप्रोच, ग्लोबल सप्लाई चेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और भारत को आर्थिक महाशक्ति के रूप में एक नई पहचान दिलाएगा।