सूरत : आवासीय सोसायटियों में ही देखा गया विसर्जन का ट्रेन्ड 

गणपति बप्पा की विसर्जन यात्रा सोसायटी में ही घुमी और वही पर विसर्जन किया 

सूरत : आवासीय सोसायटियों में ही देखा गया विसर्जन का ट्रेन्ड 

सूरत शहर में आज गणेश विसर्जन की खूब धूम देखने को मिल रही है। सार्वजनिक मंडलो द्वारा नगर निगम के कृत्रिम तालाबों या समुद्रों में गणेशजी की प्रतिमा का विसर्जन किया । लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सूरत की आवासीय सोसायटी में स्थापना और विघटन की आवृत्ति में वृद्धि देखी गई है। इस वर्ष भी यह प्रवृत्ति अपरिवर्तित देखी गई है। हर साल की तरह इस साल भी सूरत की कई आवासीय सोसायटियों में ढोल-नगाड़ों और धार्मिक झंडों के बीच बाप्पा की विसर्जन यात्रा निकली। भगवान गणेश के भक्तों ने गाजे बाजे के साथ सोसायटी परिसर में ही बापा की प्रतिमा का विसर्जन किया।

इस साल सूरत शहर में श्रीजी की 75 हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी मूर्तियां स्थापित की थी। चूंकि कई वर्षों से मिट्टी की मूर्तियों के लिए जागरूकता अभियान चल रहा है, इसलिए अधिकांश आवासीय सोसायटीओं ने पांच फीट से छोटी मूर्ति और वह भी मिट्टी की मूर्ति पर जोर दिया है। पहले गणेश जी विसर्जन के लिए घाटो या पालिका की कृत्रिम झील में विसर्जन के लिए जाते थे। लेकिन लंबे समय से लोगों में जागरुकता के चलते कई सोसायटी निवासी अपनी सोसायटी में गणेश जी की स्थापना कर रहे हैं और सोसायटी में विसर्जन यात्रा और विसर्जन भी कर रहे हैं। जिससे प्रशासन पर लोड भी कम हो रहा है।

शहर की कई सोसायटियों में आज सुबह भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के बाद सोसायटीवासियों ने सोसायटी में ही धूमधाम से श्रीजी की विदाई यात्रा निकाली। विसर्जन की प्रक्रिया स्वयं सोसायटियों में ही की गई। कुछ भक्तों ने बप्पा की मूर्ति को बड़े पैन में, कुछ ने पवाली में, कुछ ने टब में विसर्जित किया और उसकी मिट्टी का उपयोग बगीचे में फूल उगाने के लिए किया।

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