सूरत : गोठान से हजीरा तक रेलवे लाईन के खिलाफ किसान 9 अक्टूबर को कलेक्टर से करेंगे शिकायत

जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसानों का विरोध, जमीन लेनी है तो हमारी लाशों से जाना होगा 

सूरत : गोठान से हजीरा तक रेलवे लाईन के खिलाफ किसान 9 अक्टूबर को कलेक्टर से करेंगे शिकायत

सूरत में सरकार गोठान से हजीरा तक कंपनीओं के लिए गुडस ट्रेन हेतू नई रेलवे लाइन बिछाने जा रही है जिसका किसान विरोध कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि सरकार किसानों को परेशान करने के लिए नई लाइन बिछाने पर जोर दे रही है, जबकि मौजूदा लाइन के बगल में 30 मीटर जगह है। किसान नई लाइन का विरोध कर रहे हैं। किसानों ने रविवार को वरियाव गांव में इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ लड़ने का फैसला किया है। जिसमें एक इंच भी जमीन नहीं देने और यदि सरकार जबरन जमीन लेती है तो सरकार को किसानों के शवों से गुजरकर जमीन लेनी होगी, किसानों ने 9 अक्टूबर को कलेक्टर को आवेदन देने की घोषणा की।

बड़ी कंपनियों से चुनावी फंड लेने की सरकारी नीति बदली : दर्शन नायक

सहकारिता नेता दर्शन नायक ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले सरकार व प्रशासन की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि मौजूदा ब्रॉडगेज लाइन है वहीं नई लाईन बिछायी जायेगी। लेकिन चुनाव खत्म होते ही सरकार ने अपना सुर बदल लिया है और जमीन अधिग्रहण का अभियान शुरू कर दिया है। प्रभावित 14 गांवों के किसान पिछले एक साल से संघर्ष कर रहे हैं। सरकार हजीरा की बड़ी कंपनियों से भारी चुनावी फंड पाने के लिए किसानों को परेशान कर रही है। किसान लगातार सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं और जब सरकार गलत तरीके से भूमि अधिग्रहण करने जा रही है तो आने वाले दिनों में इसके खिलाफ प्रदर्शन करने की किसानों द्वारा रणनीति भी बनाई गई है।

चुनाव के बाद सरकार ने लिया यू-टर्न-किसान

विधानसभा चुनाव से पहले ब्रॉडगेज लाइन का मुद्दा जोरों से उठाया गया था, क्योंकि इसका सीधा असर ओलपाड तहसिल समेत 14 गांवों पर पड़ता है, जिससे विधानसभा चुनाव के नतीजों पर इसका असर पड़ने की आशंका थी। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष और स्थानीय विधायक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और ऐलान किया कि नई ब्रॉडबैंड लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण की जरूरत नहीं होगी। इसके बाद एक बार फिर सरकार नई अधिसूचना जारी करते हुए किसानों की जमीन अधिग्रहण करने का फैसला ले रही है। विधानसभा चुनाव खत्म होते ही सरकार ने शर्मनाक यू-टर्न ले लिया है । अब फिर से रेलवे लाइन बिछाने के लिए जमीन अधिग्रहण शुरू कर रही है। विधानसभा चुनाव खत्म होते ही सरकार ने यू-टर्न ले लिया है और अब एक बार फिर सरकार और किसान आमने-सामने आ गए हैं।

9 अक्टूबर को 5 हजार किसानों को एकत्र किया जाएगा

नई ब्रॉडबैंड लाइन बिछाने से 14 गांवों के किसानों को अपनी जमीन गंवानी पड़ रही है। किसान आलम में जोरदार विरोध देखने को मिल रहा है। किसानों ने ऐलान किया है कि वे सरकार को एक इंच भी जमीन नहीं देंगे। अगर सरकार जबरदस्ती जमीन लेती है तो सरकार को किसानों के शव से गुजरकर जमीन लेनी होगी। सूरत समेत पूरे दक्षिण गुजरात के किसान 9 अक्टूबर को 5000 से अधिक लोगों की रैली निकालेंगे और जिला कलेक्टर को प्रार्थना पत्र सौंपेंगे।

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