सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने मिशन 84 के तहत आयात-निर्यात पर सेमिनार का किया आयोजन

भारत उड़ान मिशन के संस्थापक अमित मुलानी ने भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी 

सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने मिशन 84 के तहत आयात-निर्यात पर सेमिनार का किया आयोजन

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा एसजीसीसीआई ग्लोबल कनेक्ट मिशन 84 के तहत 'आयात-निर्यात' पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें विशेषज्ञ भारत उड़ान मिशन के संस्थापक अमित मुलानी ने 250 से अधिक उद्योगपतियों, निर्यातकों और उद्यमशील युवाओं को निर्यात के लिए चार महत्वपूर्ण चीजों के बारे में जानकारी दी और भारतीय उत्पादों की कीमत अनुकूलन के लिए भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए मार्गदर्शन किया। 

अमित मुलानी ने कहा कि वर्ष 2018 में भारत विश्व के शीर्ष निर्यातक देशों की सूची में 18वें स्थान पर था। जबकि आयात करने वाले देशों में भारत 8वें स्थान पर था। वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत से 36 लाख करोड़ रुपये का निर्यात किया गया, जब 56 लाख करोड़ रुपये का आयात किया गया। उन्होंने कहा कि भारत के छोटे उत्पादों को दुनिया के किसी भी देश में पहुंचाना है तो मार्केटिंग जरूरी है। यदि उत्पाद देखा नहीं गया तो वह बिकेगा नहीं। माल निर्यातक बाजार से उत्पाद लेते हैं और इसे दुनिया भर में प्रदर्शित और बेच सकते हैं।

अब जबकि दुनिया चीन का विकल्प तलाश रही है तो अब ऐसा लग रहा है कि भारत इसमें फिट हो सकता है। भारत को इस मौके का फायदा उठाने के लिए चार चीजों पर ध्यान देना होगा। पहली बात, भारत को एक ऐसा उत्पाद तैयार करना होगा जो बाजार की उत्पाद आवश्यकता के अनुरूप हो। एक और बात, हमें बाजार में जो उत्पाद बेचते हैं, उसके अनुपालन का ध्यान रखना होगा, यानी उस देश में किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता है। क्योंकि बिना अनुपालन के उत्पाद किसी भी बाजार में नहीं बेचा जा सकता। तीसरी बात है किसी भी देश की संस्कृति को समझना और तुरंत उत्पाद विकसित कर उसे बाजार में उतारना। चौथा और सबसे महत्वपूर्ण, उत्पाद को प्रदर्शित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना होगा। व्यवसाय विकास के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करना होगा, ताकि उत्पाद को दुनिया में कहीं भी दिखाया और बेचा जा सके।

उन्होंने निर्यात को लंबे समय तक कायम रखने के लिए जरूरी चीजों की जानकारी दी। उन्होंने कहा, निर्यात के लिए उचित दस्तावेजीकरण और कानूनीताएं, भुगतान की शर्तों की जानकारी होनी चाहिए। हजारों किलोमीटर दूर भेजे गए उत्पादों की सुरक्षा पर विचार करना होगा। जब हम किसी उत्पाद को किसी देश में बेचना चाहते हैं तो उसकी कीमत को अनुकूलित करना आवश्यक होता है। भारतीय उत्पादों के मूल्य अनुकूलन के लिए भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है। उद्यमी इन योजनाओं का लाभ उठाकर खुद को माल निर्यातक के रूप में तैयार कर सकते हैं। उन्होंने रोड टैप, ड्यूटी ड्रा बैक, मुक्त व्यापार समझौता आदि योजनाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के मानद कोषाध्यक्ष किरण ठुम्मर ने स्वागत भाषण दिया और सेमिनार में भाग लेने वाले और ऑनलाइन जुड़े व्यवसायियों को धन्यवाद दिया। मिशन 84 के प्रमुख परेश भट्ट ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की एवं सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन किया। एसजीसीसीआई शिक्षा एवं कौशल विकास केंद्र के अध्यक्ष महेश पमनानी ने विशेषज्ञ वक्ता अमित मुलानी का परिचय दिया। विशेषज्ञ वक्ता ने उद्योगपतियों, निर्यातकों और उद्यमशील युवाओं के विभिन्न प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दिया और फिर सेमिनार का समापन किया गया।

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