सूरत : एसीबी के एक ही दिन में तीन सफल जाल, रिश्वतखोर जमादार नगर निगम का इंजीनियर तथा क्लार्क गिरफ्तार

पुलिस कोन्स्टेबल और नगर निगम के चार कर्मचारी सहित पांच को एसीबी ने गिरफ्तार किया

सूरत : एसीबी के एक ही दिन में तीन सफल जाल, रिश्वतखोर जमादार नगर निगम का इंजीनियर तथा क्लार्क गिरफ्तार

सूरत में एसीबी द्वारा एक ही दिन में तीन सफल ट्रैप किए गए। नगर निगम कर्मियों, उनके साथ आए कंप्यूटर ऑपरेटर और प्युन (पट्टावाला) सहित कल कुल 4 लोगों को पकड़ा। सूरत जिले के उमरपाड़ा थाने के हेड कांस्टेबल को थाने के बगल वाली पार्किंग में 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। शराब कांड में शिकायतकर्ता का नाम उजागर नहीं करने के लिए रिश्वत की मांग की गयी थी। एक अन्य मामले में एक कपड़ा व्यापारी के दो मंजिला निर्माण को तोड़ने से रोककर जूनियर इंजीनियर को 35 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। अन्य एक मामले में व्यवसाय टैक्स में राहत कराने का कहकर 34 हजार की रिश्वत लेते कम्प्युटर ओपरेटर और डिस्पेच क्लार्क को रिश्वत गिरफ्तार किया गया।

पहला मामला

उमरपाड़ा थाने में दर्ज शराब अपराध में शिकायतकर्ता का नाम उजागर नहीं करने के लिए शिकायतकर्ता से हेड कांस्टेबल ने 50 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता रिश्वत की रकम नहीं देना चाहता था, इसलिए उसने एसीबी से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर एसीबी ने रिश्वतखोरी का जाल बिछाया। हेड कांस्टेबल प्रफुल्ल पटेल ने शिकायतकर्ता से बात करने और रिश्वत की रकम देने के लिए थाने बुलाया। इसी दौरान उमरपाड़ा थाने के मुख्य द्वार के बगल वाली पार्किंग में 50 हजार रुपये की रिश्वत ली गयी। तो एसीबी ने हेड कांस्टेबल को हिरासत में ले लिया है और आगे की कार्रवाई कर रही है।

दुसरा मामला

वराछा जोन में 90 हजार वेतनभोगी जूनियर इंजीनियर और 34 हजार वेतनभोगी पट्टावाला रिश्वतखोरी में पकड़े गए हैं। दोनों ने एक कपड़ा व्यापारी की दो मंजिला इमारत को नहीं तोड़ने के लिए रिश्वत की मांग की। जूनियर इंजीनियर केउर पटेल ने 50 हजार मांगने वाले व्यापारी से विवाद के बाद 35 हजार में समझौता कर लिया। सोमवार को एसीबी ने पुणा वार्ड कार्यालय के सामने एक सार्वजनिक सड़क पर जाल बिछाया और केयुर को रंगे हाथों जबकि निमेश को वार्ड कार्यालय से पकड़ा।

तीसरा मामला

नगर‌ निगम के गुमास्ता विभाग में आउट सोर्स कंप्यूटर ऑपरेटर अंकित पटेल ने दुकान के व्यवसाय वेरा में 20 हजार का फायदा कराने की बात कहकर 34 हजार रूपये की रिश्वत मांगी थी। अंकित का मासिक वेतन 9500 है। डिस्पेच क्लार्क निराली दवे पहले सेंट्रल जोन में संविदा पर कार्यरत होने के कारण अंकित के संपर्क में आई। वार्ड क्रमांक 4 में एक दुकानदार ने नाम परिवर्तन के लिए आवेदन दिया। जिसमें पिछला व्यवसायिक वेरा 54 हजार बकाया था। यह टैक्स चुकाने के बाद दुकान अपने नाम करानी थी। अंकित चंद्रवदन पटेल ने दुकानदार से कहा कि हम 54 हजार के व्यवसाय टेक्स में 20 हजार का फायदा कराकर 34 हजार में निपटा देंगे। जिसमें 11 हजार की रसीद दी जाएगी, बाकी 23 हजार दोनों को रिश्वत देनी थी। एसीबी ने रिश्वत लेते हुए अंकित और निराली दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

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