सूरत : अब छोटे किसानों को रात में खेतों में जागने से छुटकारा!

सरकार ने खेतों में तारबंदी के लिए 5 हेक्टेयर सीमा घटाकर अब 2 हेक्टेयर कर, छोटे किसानों को भी 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा 

सूरत :  अब छोटे किसानों को रात में खेतों में जागने से छुटकारा!

राज्य भर में कुछ किसानों को जंगली जानवरों के कारण खड़ी फसलों का भारी नुकसान हो रहा है, जो किसानों पर वित्तीय बोझ बन गया है। किसानों को इस नुकसान से राहत देने के लिए सरकार की ओर से एक नया प्रावधान किया गया। इसने शुरुआती चरण में 10 हेक्टेयर और उसके बाद 5 हेक्टेयर खेती वाले किसानों को खेत के चारों ओर कंटीले तारों की बाड़ लगाने के लिए सब्सिडी देना शुरू किया। हालाँकि सरकार ने हेक्टेयर की सीमा घटाकर अब 2 हेक्टेयर कर दी है ताकि छोटे से छोटे किसान को भी इस योजना का लाभ मिल सके। इस फैसले से छोटे किसानों को जंगली जानवरों से बचाव के लिए रात में जागना नहीं पड़ेगा।

किसान को लागत का 50 प्रतिशत तक सब्सिडी

किसान लंबे समय से राज्य सरकार से शिकायत कर रहे हैं कि खेतों में खड़ी फसलों को जानवर नुकसान पहुंचा रहे हैं। विशेषकर दक्षिण गुजरात में, सूअरों के झुंड गन्ने के खेतों पर आक्रमण करते थे और गन्ना खा जाते थे। इतना ही नहीं नुकसान भी काफी हो रहा था। इसी तरह नीलगाय के खेत में घुस जाने से किसानों की खड़ी फसल को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे जानवरों को रोकने के लिए कांटेदार तार की बाड़ बनाना ही एकमात्र विकल्प था।

भूमि की सीमा दो हेक्टेयर तक निर्धारित की गई

इस बाड़ को बनाने में किसानों पर आर्थिक बोझ पड़ता था इसलिए सरकार ने एक योजना जारी कर किसानों को सब्सिडी देने का फैसला किया। शुरुआती चरण में 10 हेक्टेयर खेती वाले किसान को सब्सिडी देना शुरू किया गया। बाद में यह सब्सिडी पांच हेक्टेयर तक जमीन वाले किसानों को दी जाने लगी, लेकिन अब सरकार ने दो हेक्टेयर तक जमीन की सीमा तय कर दी है, ताकि छोटे से छोटे किसान को भी इस योजना का लाभ मिल सके। इस योजना में सरकार किसानों को लगभग 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करेगी।

सरकार के फैसले से किसान खुश: जयेश पटेल

किसान नेता जयेश पटेल ने कहा कि खेती करना बहुत मुश्किल हो जा रहा है। ऐसे में अगर किसान पर किसी तरह का अतिरिक्त आर्थिक बोझ आता है तो यह उसके लिए बर्दाश्त की बात नहीं है। दक्षिण गुजरात में गन्ने की खड़ी फसल को सूअरों ने भारी नुकसान पहुंचाया और राज्य के अलग-अलग हिस्सों में नीलगाय, तेंदुआ, समुद्री घोड़ा, गुलाब जैसे जानवरों ने खेतों में काफी नुकसान पहुंचाया। सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 350 करोड़ का प्रावधान किया है, जिससे 5 हेक्टेयर के बजाय 2 हेक्टेयर तक के सीमांत किसानों को भी फायदा होगा। 

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