सूरत : ब्रेन-डेड फाइनेंसर के अंगदान से पांच लोगों को मिली नई जिंदगी

डोनेट लाईफ संस्था के सहयोग से लिवर-किडनी को हवाई मार्ग से अहमदाबाद पहुंचाया गया

सूरत : ब्रेन-डेड फाइनेंसर के अंगदान से पांच लोगों को मिली नई जिंदगी

कपड़ा और हीरा नगरी के नाम से मशहूर सूरत अब देश में अंग दाता शहर के रूप में मशहूर हो रहा है। सूरत से एक और अंग दान किया गया है। 58 वर्षीय एक फाइनेंसर के ब्रेन-डेड हो जाने के बाद उसके परिवार ने उसका लिवर, किडनी और आंखें दान कर दीं, जिससे पांच लोगों को जीवन मिला। लिवर और किडनी को हवाई मार्ग से अहमदाबाद तक समय पर पहुंचाने के लिए सूरत सिटी पुलिस द्वारा महावीर अस्पताल से सूरत हवाई अड्डे तक के मार्ग को ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था।

हसमुखभाई मणिलाल संघवी मूल रूप से मेहसाणा के रहने वाले हैं और वर्तमान में सूरत के नानपुरा में तोरल अपार्टमेंट फाइनेंस व्यवसाय से जुड़े हैं। 15 अगस्त की रात वह सिर दर्द और उल्टी के कारण बेहोश हो गये। परिजनों ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। सीटी स्कैन कराने पर ब्रेन हेमरेज का पता चला। इसके बाद 16 अगस्त को हसमुखभाई को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।

परिवार को अंगदान की प्रक्रिया समझाई

हसमुखभाई के ब्रेन डेड होने की जानकारी मिलने के बाद डोनेट लाइफ टीम अस्पताल पहुंची और हसमुखभाई की बेटी आयुषी, भाई शांतिभाई और भरतभाई, बहन यशवंतलाल, बहन मंजुलाबेन, बहनोई कमलेशभाई, भतीजे आशीष और हेमंत, दामाद फेनिल, विमलकुमार और परिवार के अन्य सदस्य को अंगदान का महत्व और इसकी पूरी प्रक्रिया समझाई।।

बेटी समेत परिवार अंगदान के लिए राजी हो गया

हसमुखभाई की बेटी आयुषी ने कहा कि मेरे पिता ब्रेन डेड घोषित हुए हैं। जब उनकी मृत्यु निश्चित है, उनका शरीर राख होने वाला है, तो हम अपने पिता के अंगों को दान करके अंग विफलता के रोगियों को जीवन देने के लिए सहमत हुए हैं। हसमुखभाई के परिवार में उनकी पत्नी भावनाबेन (उम्र 54) और बेटी आयुषी (उम्र 21)  हैं जो एक निजी कंपनी में डेटा ऑपरेटर के रूप में काम करती हैं।

अहमदाबाद में लिवर ट्रांसप्लांट किया गया

अंग दान के लिए परिवार की सहमति मिलने के बाद, लीवर को अहमदाबाद के केडी अस्पताल को आवंटित किया और एचएलए की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद उस अस्पताल के जरूरतमंद मरीज को दो किडनी आवंटित की जाएंगी।  इंदौर के एक 30 वर्षीय निवासी का दान किया गया लीवर अहमदाबाद के केडी अस्पताल में प्रत्यारोपित किया। दान की गई दो किडनी अहमदाबाद के एक अस्पताल में दो जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपित की जाएंगी। लोकदृष्टि नेत्र बैंक द्वारा नेत्रदान स्वीकार कर लिया गया।

अंगों को पहुंचाने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया

लिवर और किडनी को हवाई मार्ग से अहमदाबाद तक समय पर पहुंचाने के लिए सूरत सिटी पुलिस द्वारा महावीर अस्पताल से सूरत हवाई अड्डे तक के मार्ग को ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। गौरतलब है कि हृदय, फेफड़े, हाथ, छोटी आंत, लीवर और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को समय पर देश के विभिन्न शहरों में पहुंचाने के लिए सूरत सिटी पुलिस द्वारा अब तक 104 ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए हैं।

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