सूरत:  महादेव नगर, डिंडोली में गांजा की बिक्री पर जनता रेड,भारी मात्रा में गांजा मिला

स्थानिय लोगों और महिलाओं ने पुलिस को शिकायत करने के बावजुद चल रहा था नशे का कारोबार

सूरत:  महादेव नगर, डिंडोली में गांजा की बिक्री पर जनता रेड,भारी मात्रा में गांजा मिला

सूरत के डिंडोली इलाके के महादेव नगर में नशे के सौदागरों के अड्डे पर लोग जमा हो गए और जनता रेड करते हुए गांजा बेचने वालों के खिलाफ सिर उठाने को मजबूर हो गए। पुलिस से बार-बार शिकायत करने के बाद भी गांजे की बिक्री नहीं रोके जाने से नाराज लोगों द्वारा जनता रेड करने की बात सामने आयी है।  लोगों का आरोप है कि पुलिस की निगरानी में ऐसे अड्डे चल रहे हैं।

स्थानीय महिलाओं ने कहा कि डिंडोली पुलिस से बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकलने पर लोगों को पुलिस का इंतजार किए बिना गांजा बेचने वाली जगह पर घुसने और तोड़फोड़ करने के लिए मजबूर होना पड़ा। रेड करने पर अधिक मात्रा में गांजा पाया गया। डिंडोली पुलिस की निष्क्रियता के कारण जनता कानून हाथ में लेने को मजबूर है। पुलिस से बार-बार शिकायत करने के बाद भी गाजा की बिक्री बंद नहीं होने से नाराज लोगों द्वारा दंगा करने की बात सामने आयी है।

इसके अलावा लोगों ने बताया कि इस इलाके में देशी-विदेशी शराब की दुकानें भी खूब फलफूल रही हैं। शराब पीने के बाद अब युवा पीढ़ी गांजा जैसे नशीले पदार्थ की आदी होती जा रही है। परिवार की सारी कमाई ऐसे ही नशे में बर्बाद हो जाती है। नशे के कारण युवाओं का शरीर खोखला हो रहा है। अब लोग अपने बच्चों को ऐसे नशे से मुक्त कराने के लिए कानून अपने हाथ में लेना सीख गए हैं। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि अगर पुलिस ने ध्यान नहीं दिया तो एक दिन पूरे सूरत में लोग सड़क पर उतरेंगे और गांजा, चरस आदि बेचने वाले कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी करेंगे।

स्थानीय लोगों ने बताया कि ऐसे स्लम इलाकों में शराब या गांजा आसानी से बिक जाता है। गृह मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के शहर में युवा पीढ़ी नशे की चपेट में आ रही है। नशे का अड्डा एक छोटी सी झोपड़ी में चल रहा है। सड़क पर जबरन खाद्य सामग्री बेचने वाले लोग सीधे पुलिस और नगर पालिका की नजर में आ जाते हैं। जो लोग मेहनत करके पैसे कमाते हैं उन्हें प्रशासन द्वारा कानुन और नियमों के बहाने परेशान किया जाता है। लेकिन ऐसी झोपड़ियों में शराब बेचने वाले शरारती तत्वों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। बार-बार शिकायतों के बावजूद पुलिस प्रशासन आंखें मूंदे हुए हैं, इसलिए अब अंतिम उपाय जनता रेड ही है।

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