सूरत :  क्षेत्रपाल हनुमान मंदिर के राकेशनाथ महाराज का दिल का दौरा पड़ने से निधन

 सूरत में 52 वर्षीय महंत का निधन 

सूरत :  क्षेत्रपाल हनुमान मंदिर के राकेशनाथ महाराज का दिल का दौरा पड़ने से निधन

अचानक हुई मौत से स्तब्ध श्रद्धालु, बेटे के अमेरिका से आने के बाद होगा अंतिम संस्कार

सूरत के सागरमपुरा इलाके के क्षेत्रपाल हनुमान मंदिर के 52 वर्षीय महंत राकेशनाथ महाराज का देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। महंत पिछले दो-तीन दिनों से एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। इस बीच अचानक सीने में दर्द के बाद महाराज के मरने की खबर से श्रद्धालुओं में भी मातम पसर गया है। महंत का अंतिम संस्कार उनके बेटे के अमेरिका से आने के बाद सोमवार को किया जाएगा।

महंत की मौत हार्ट अटैक से हुई

हनुमानजी का 350 साल पुराना क्षेत्रपाल दादा मंदिर सागरमपुरा इलाके में स्थित है, जो सूरत में संकटमोचन का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। संकटमोचन हनुमान को सहज ही क्षेत्रपाल के रूप में विराजमान किया गया है। काल भैरवदादा और श्री बटुक भैरव हनुमानजी के साथ अनायास ही प्रकट हो गए। इससे क्षेत्रपाल भैरव की स्थापना हुई। यहां क्षेत्रपाल हनुमान सहित कालभैरव और श्री बटुक भैरव की स्वयंभू मूर्तियां पूरे सिंदूर में नजर आती हैं। इस मंदिर के महंत राकेशनाथ महाराज थे। जिनकी देर रात हार्ट अटैक से मौत हो गई। तो भक्त सहमे हुए हैं।

अंतिम संस्कार अगले सोमवार को होगा

राकेशनाथ महाराज के पिता से पहले क्षेत्रपाल हनुमान मंदिर के महंत थे। उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र राकेशनाथ महाराज महंत बने। जिसके दो बेटे हैं। प्रतीक महाराज फिलहाल क्षेत्रपाल मंदिर में महंत हैं जबकि छोटा बेटा अमेरिका में रहता है। 52 वर्षीय राकेशनाथ महाराज की मौत के बाद उनके शव को कोल्ड स्टोरेज में रखा गया है। अगले सोमवार को छोटे बेटे के अमेरिका से आने के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।

शनिवार और मंगलवार को मंदिर में भीड़ रहती है

यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था का एक बड़ा स्रोत बन रहा है। दूर-दूर से भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं। संकट मोचन ये क्षेत्रपाल दादा भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। कई भक्त अपनी आस्था और विश्वास के साथ यहां आते हैं। विशेष रूप से शनिवार और मंगलवार को .भारी भीड़ दिखती है। क्षेत्रपाल दादा के इस मंदिर के साथ ही भगवान शिव का एक मंदिर भी बनाया गया है। भगवान शनिदेव का भी एक मंदिर बनाया गया है। क्षेत्रपाल दादा, भोलेनाथ और शनिदेव के दर्शन कर भक्त स्वयं को धन्य महसूस करते हैं।

Tags: Surat