सूरत :  हजीरा-गोथान 50 किमी नई ब्रॉडगेज लाइन को विशेष योजना के रूप में दी मंजूरी

शासकीय भूमि का अधिकतम उपयोग किया जायेगा

सूरत :  हजीरा-गोथान 50 किमी नई ब्रॉडगेज लाइन को विशेष योजना के रूप में दी मंजूरी

किसानों द्वारा जमीन संपादन का विरोध किए जाने के बाद सरकार ने फैसला पलट दिया


हजीरा से गोथान तक 50 किमी ब्रॉड गेज रेलवे लाइन को किसानों की निजी भूमि का अधिग्रहण या उपयोग किए बिना सरकारी भूमि का उपयोग करने के दृष्टिकोण के साथ एक विशेष योजना के रूप में स्वीकृत किया गया है। इस नवीन परियोजना को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार में आयोजित बैठक में वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री मुकेश पटेल के नेतृत्व में भूमि अधिग्रहण के संबंध में अधिकारियों से विचार-विमर्श किया गया।

शासकीय भूमि का अधिकतम उपयोग किया जायेगा

रेलवे ट्रैक को हजीरा तक ले जाने के लिए तय किए गए मार्ग ने कुछ किसानों की जमीनों का अधिग्रहण करने के लिए मजबूर किया, हालांकि अतीत में किसानों द्वारा अपनी जमीन नहीं छोड़ने के लिए काफी आंदोलन हुए थे और सरकार के फैसले का विरोध किया गया था। इस तरह की स्थिति दोबारा न आए इसके लिए सरकार ने इस रास्ते को अपनाया है और सरकारी जमीन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर नई रेल पटरियां बिछाने की योजना बनाई है। यह महत्वपूर्ण है कि यह रेलवे लाइन बिछाई जा रही है उसका उपयोग हजीरा में निजी कंपनियो के प्रोजेक्ट को ही मिलने वाला है। 

हजीरा बंदरगाह को रेल कनेक्टिविटी मिलेगी

इस संबंध में मंत्री मुकेश पटेल ने कहा कि सामूहिक प्रयास से इस योजना को कई वर्षों के बाद विशेष दर्जा देने की मंजूरी मिली है। इससे हजीरा बंदरगाह को रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, लॉजिस्टिक लागत और सड़क का भार कम होगा। उद्योगों के साथ कृषि का संतुलन बनाए रखने के लिए हजीरा से गोथान तक रेलवे लाइन बिछाने के लिए सरकारी भूमि का अधिक उपयोग किया जाएगा, जबकि किसानों को कम से कम निजी भूमि का अधिग्रहण सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है।

भूमि का अधिग्रहण न हो इसका ध्यान रखा गया

इस परियोजना के लिए किसानों की निजी जमीनों के अधिग्रहण से बचने के लिए दामका, वांसवा से हजीरा तक करीब चार किमी का चक्कर लगाते हुए रेलवे लाइन खींची जाएगी। चर्चा हुई कि रेल अधिनियम के अनुसार शासकीय भूमि, कृभको भूमि का अधिग्रहण किया जायेगा, जिसे शीघ्र ही अधिसूचित किया जायेगा।

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