सूरत : उत्तर भारतीय रेल संघर्ष समिति ने रेलवे स्टेशन के निदेशक को ज्ञापन सौंपा

रेलवे वादाखिलाफी विरुद्ध संघर्ष समिति का हल्लाबोल

सूरत : उत्तर भारतीय रेल संघर्ष समिति ने रेलवे स्टेशन के निदेशक को ज्ञापन सौंपा

उत्तर भारतीय रेल संघर्ष समिति ने युपी,बिहार, झारखंड के लिए नई ट्रेन की मांग के साथ ज्ञापन दिया

उत्तर भारतीय रेल संघर्ष समिति ने सूरत रेलवे स्टेशन के निदेशक को ज्ञापन सौंपा कर उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड के लिए नई ट्रेन शुरू करने की मांग की गई ।

ज्ञापन में बताया गया कि दक्षिण गुजरात देश का प्रमुख औद्योगिक केंद्र है जिसमें देशभर से ख़ासतौर से उत्तर भारत के 20 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं, जिनमे अधिकांश श्रमिक हैं जिनके आवागमन का एक मात्र साधन रेल है। किन्तु सूरत से उत्तर भारत जाने वाली ट्रेनों की संख्या यात्रियों की संख्या की तुलना में लगभग ना के बराबर है। इसलिए यात्रियों को भेड़ बकरीयों की तरह ना केवल जाने को मजबूर होना पड़ रहा है बल्कि उनका शोषण भी होता है, इस तथ्य से रेलवे प्रशासन भी भली भांति अवगत हैं।

2023 के मई, जून के गर्मियों के सीजन की ताप्ती गंगा समेत सभी ट्रेनों में भारी वेटिंग लिस्ट हैं जो इस बात का प्रमाण हैं की उत्तर भारत की ओर जाने वाले यात्रियों की तुलना में ट्रेनों को संख्या बहुत अपर्याप्त हैं। पिछले एक दशक से उत्तर भारतीय रेल संघर्ष समिति समेत कई अन्य संगठन इस मांग को लेकर संघर्षरत है जिसके तहत रैली, सैंकड़ों जनसभा , रेल रोको आंदोलन, रेलमंत्री का घेराव , तथा रेलवे के जीएम, डीआरएम समेत विभिन्न अधिकारियों से विभिन्न चरणों में वार्तालाप, पत्र व्यवहार के किया गया हैं । 

पूर्व में रेलवे अधिकारियों और उत्तर भारतीय रेलवे संघर्ष समिति की संयुक्त बैठक के दौरान रेलवे अधिकारियों द्वारा समिति को भरोसा दिलाया गया था कि उधना जलगांव रेलमार्ग डबल ट्रैक होने के बाद नई गाड़ियों का परिचालन किया जाएगा किंतु अभी तक नई ट्रेन को लेकर कोई भी घोषणा नहीं को गई हैं। 

उत्तर भारत की ओर जाने वाली ट्रेन ताप्ती गंगा एक्सप्रेस, अवध एक्सप्रेस, सूरत भागलपुर सुपरफास्ट, भोलेनगरी, उधना दानापुर समेत अन्य सभी ट्रेनों में कम गुणवत्ता वाले कोच लगाए जाते हैं तथा खानपान सेवा व सफाई की स्थिति भी घटिया गुणवत्ता की प्रदान की जा रही हैं तथा इन ट्रेनों के टिकट के नाम पर दलालों द्वारा यात्रियों को ठगा जाता हैं और रेल अधिकारियों की मिलीभगत से तत्काल क्वॉटा, आपातकालीन क्वोटा में अनियमितता की जा रही हैं रेल प्रशासन का टिकट दलालों पर कोई अंकुश नहीं हैं। इसके साथ साथ इन ट्रेनों के चालू (सामान्य) डिब्बे में बैठने वाली यात्रियों को लाइन में बैठाया जाता है। लाइन में आगे पीछे करने के नाम पर भी गोरखधंधा और धन उगाही की जाती हैं तथा पुलिस द्वारा अत्याचार मारपीट भी की जाती हैं हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया हैं। 

संघर्ष समिति के वरिष्ठ सदस्य शान खान ने बताया कि रेल प्रशासन अपने वचन पर खरा नहीं उतर रहा है, रेल प्रशासन नई नियमित ट्रेन शुरू करने के बजाय सीजन के समय विशेष ट्रेने चलकर दुगना – तिगुना किराया वसूल कर रहा हैं इसका अर्थ है कि रेल प्रशासन सुनियोजित तरीके से उत्तरभारतीयों को लूटने का काम कर रहा हैं । अतः हमारा रेल प्रशासन से आग्रह है कि हमारी मांगों पर तत्काल पूर्व वचन के अनुसार समाधान करें। 

इस अवसर पर संघर्ष समिति के वरिष्ठ सदस्य शान खान, पूर्व पार्षद भारती तिवारी, शशि दुबे, उमाशंकर मिश्रा, करुणा शंकर तिवारी, मोहन कनौजिया, सुनाल शेख, संतराम प्रजापति, रंजीत कनौजिया, अवधेश मौर्य, संतोष शुक्ला, राहुल पांडे, दिलीप कनोजिया, महाबली राजभर, कल्पेश कनौजिया समेत बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय अग्रणी उपस्थित रहे थे।

संघर्ष समिति को प्रमुख मांगे

• पूर्व वचन अनुसार उत्तर भारत के लिए नई नियमित ट्रेनें शुरू करने की घोषणा की जाए।

• हाल ही में RFP के जवान द्वारा एक यात्री की पिटाई किए जाने के मामले के उच्चस्तरीय जांच कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए और भविष्य में कभी ऐसी घटना न हो उसके लिए उचित आदेश जारी किए जाए।

• टिकट दलालों तथा चालू डिब्बे की लाइन में गड़बड़ी करने एवम धन उगाही करने वालों पर अंकुश लगाया जाए।

• उत्तर भारत की जाने वाली सभी ट्रेनों में उच्च गुणवत्ता वाले कोच लगाए जाए तथा उच्च गुणवत्ता वाली खानपान एवम सफाई सेवा उपलब्ध कराई जाए।