सूरत : एसवीएनआईटी में उमड़ा पुरानी यादों का सैलाब; ग्लोबल एलुम्नाई कन्वेंशन में संस्था को मिला ₹27 करोड़ का दान

डॉ. अरविंद लापसीवाला ने 22 करोड़ और भद्रेश शाह द्वारा 5 करोड़ रुपये के दान की घोषणा

सूरत : एसवीएनआईटी में उमड़ा पुरानी यादों का सैलाब; ग्लोबल एलुम्नाई कन्वेंशन में संस्था को मिला ₹27 करोड़ का दान

सूरत।सरदार वल्लभभाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एसवीएनआईटी), सूरत में एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा 21वां वार्षिक ग्लोबल एलुमनाई कन्वेंशन एवं रीयूनियन शनिवार, 27 दिसंबर 2025 को भव्य रूप से आयोजित किया गया। इस अवसर पर देश-विदेश से आए एलुमनाई ने अपने छात्र जीवन की यादों को ताज़ा किया और अपने अल्मा मेटर के साथ रिश्तों को और मजबूत किया।

कार्यक्रम में एसवीएनआईटी के डायरेक्टर डॉ. अनुपम शुक्ला, रजिस्ट्रार श्री के. के. सिंह और डीन डॉ. उपेना दलाल की गरिमामयी उपस्थिति रही। मुख्य अतिथि डॉ. अरविंद लापसीवाला (एमबीबीएस, एफआरसीएस, एफआईसीएस), यूएसए ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में संस्थान के विकास के लिए एसवीएनआईटी कैंपस में नए क्लासरूम कॉम्प्लेक्स के निर्माण हेतु 22 करोड़ रुपये का दान देने की घोषणा की, जिसे ऐतिहासिक योगदान माना जा रहा है।

कार्यक्रम के गेस्ट ऑफ ऑनर, श्री संजय कौल, आईएएस, मैनेजिंग डायरेक्टर एवं ग्रुप सीईओ, जीआईएफटी सिटी तथा 1990 इलेक्ट्रॉनिक्स बैच के एलुमनाई ने देश निर्माण और संस्थान के सर्वांगीण विकास में एलुमनाई की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस कन्वेंशन को चीफ स्पॉन्सर के रूप में श्री मोहम्मद अमानुल्लाह खान, सीईओ, एएफएक्यू अल मलाज़ होल्डिंग कंपनी, रियाद (केएसए) एवं 1988 मैकेनिकल इंजीनियरिंग बैच के एलुमनाई का विशेष सहयोग मिला।

कन्वेंशन के दौरान 1976 बैच ने अपनी गोल्डन जुबली और 2000 बैच ने सिल्वर जुबली मनाई, जिसने कार्यक्रम को भावनात्मक और यादगार बना दिया। इसी अवसर पर एसवीएनआईटीएलुमनाई एसोसिएशन के फाउंडर प्रेसिडेंट श्री भद्रेश शाह ने नई मैनेजमेंट स्कूल बिल्डिंग के लिए 5 करोड़ रुपये के दान की घोषणा की।

समाज और संस्थान के लिए उल्लेखनीय योगदान देने वाले चार प्रतिष्ठित एलुमनाई को “S एलुमनाई अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के समापन पर केतन देसाई द्वारा आयोजित सांस्कृतिक संगीतमय संध्या ने माहौल को उल्लासपूर्ण बना दिया।

यह ग्लोबल एलुमनाई कन्वेंशन एक बार फिर एसवीएनआईटी और उसके एलुमनाई के बीच मजबूत और अटूट संबंधों का प्रतीक बना तथा संस्थान की निरंतर प्रगति के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाया।

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