वडोदरा : राज्य के स्वास्थ्य विभाग के स्थायी कर्मचारियों को 130 दिनों के पारिश्रमिक चुकाया, लेकिन संविदा कर्मियों को नहीं देने से रोष

गैर-तकनीकी अनुबंधों के हजारों कर्मचारियों में नाराजगी व्याप्त

वडोदरा : राज्य के स्वास्थ्य विभाग के स्थायी कर्मचारियों को 130 दिनों के पारिश्रमिक चुकाया, लेकिन संविदा कर्मियों को नहीं देने से रोष

कोरोना महामारी काल में प्रदेश भर के स्थायी कर्मचारियों को अवकाश के दिन ड्यूटी करने पर 130 दिन का अतिरिक्त पारिश्रमिक दिया गया है। लेकिन भले ही स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों ने कोरोना काल में अवकाश के दिन भी काम किया हो, ऐसे कर्मचारियों को राज्य सरकार द्वारा अलग से कोई पारिश्रमिक नहीं दिया गया है। जिससे ऐसे तकनीकी और गैर-तकनीकी अनुबंधों के हजारों कर्मचारियों में नाराजगी व्याप्त है।

संविदा कर्मचारियों के अलग से पारिश्रमिक का भुगतान आज तक नहीं किया गया

राज्य के सभी जिलों और निगमों द्वारा राज्य सरकार के संबंधित विभागों को समय-समय पर पेशकश किया गया है, लेकिन ऐसे संविदा कर्मचारियों के अलग से पारिश्रमिक का भुगतान आज तक नहीं किया गया है। साथ ही सभी जिलों से मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा मिशन निदेशक (एनएचएम) को लिखित सूचना भी दी गई है। हालाँकि, यह प्रश्न आज तक हल नहीं हुआ है।

कोरोना काल में 70 फीसदी से ज्यादा कर्मचारियों ने अतिरिक्त काम किया था

गौरतलब है कि पिछली महामारी कोरोना काल में 70 फीसदी से ज्यादा कर्मचारियों ने अतिरिक्त काम किया था। छुट्टियों के दिनों में भी उन्होंने कोरोना काल में ड्यूटी निभाई। यह निर्विवाद तथ्य है कि यदि कोरोना काल में संविदा कर्मचारी स्थायी कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य में शामिल नहीं होते तो प्रशासन की हालत बहुत खराब हो जाती। हालांकि स्थायी कर्मचारियों को कोरोना काल में ड्यूटी करने पर 130 दिन का मानदेय दिया गया है। लेकिन इस मामले में हजारों संविदा कर्मियों को कोई पारिश्रमिक नहीं देने की सरकार की भेदभावपूर्ण नीति को उजागर होने पर स्वास्थ्य विभाग के हजारों ठेका कर्मियों में व्यापक आक्रोश है।

संविदा कर्मियों में रोष व्याप्त है

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी विभागों में स्थायी कर्मचारियों की तुलना में संविदा कर्मचारियों की संख्या काफी अधिक होने की संभावना है। ठेका कर्मचारियों की एक सामान्य भावना और मांग है कि स्थायी कर्मचारियों को मिलने वाले या दिए जाने वाले सभी अधिकार ठेका कर्मचारियों को उनके वेतन के अनुसार दिए जाने चाहिए। सरकार ने स्थायी कर्मचारियों के वेतन भत्ते की लिखित सिफारिश की थी, लेकिन संविदा कर्मचारियों की सिफारिश नहीं करने पर संविदा कर्मियों में रोष व्याप्त है। 

कतिपय निश्चित संवर्गों के लिए उपसचिव को लिखित रूप से सिफारिश की

राज्य सरकार के अतिरिक्त निदेशक ने कतिपय निश्चित संवर्गों के लिए उपसचिव को लिखित रूप से सिफारिश की है, जिसमें गत कोरोना काल के दरम्यान नियमित या स्थायी कर्मचारियों को उच्चतर मासिक भत्ते के अतिरिक्त 130 दिवस का अवकाश वेतन प्राप्त करने की सिफारिश की गई है, परन्तु हजारों संविदा कर्मचारियों को अधिक मासिक भत्ता देने अथवा 130 दिनों के नियत वेतन के अवकाश की सिफारिश नहीं की गई है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की दोहरी नीति का पर्दाफाश हुआ है। हालांकि, अनुबंध कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त भत्ता या छुट्टियों पर किए गए काम के लिए भुगतान के संबंध में किसी भी उच्च स्तरीय प्राधिकरण द्वारा कोई सिफारिश नहीं की गई है। संविदा कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नही होने पर संविदा कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।

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