तृणमूल विधायक जीवन कृष्ण साहा को 65 घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने गिरफ्तार किया

तृणमूल विधायक जीवन कृष्ण साहा को 65 घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने गिरफ्तार किया

कोलकाता, 17 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के मुर्शिदाबाद के बरवान से विधायक जीवन कृष्ण साहा को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 65 घंटे की तलाशी और पूछताछ के बाद सोमवार सुबह करीब 5ः30 बजे गिरफ्तार कर लिया।

जांच एजेंसी केंद्रीय अर्धसैनिक बल और राज्य पुलिस की सुरक्षा में साहा को बैछाकर दुर्गापुर में स्थित अस्थाई कैंप में ले गई है। यहां चिकित्सकीय जांच के बाद उन्हें कोलकाता के निजाम पैलेस स्थित एजेंसी के कार्यालय ले जाया जाएगा। इसके बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा। उन्हें जांच में सहयोग नहीं करने और साक्ष्य को नष्ट करने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

इस मामले में इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के अलावा नदिया जिले के पलाशिपाड़ा से तृणमूल कांग्रेस के विधायक व प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया जा चुका है।

जां एजेंसी ने शुक्रवार दोपहर करीब 12:30 बजे बरवान के ओंदी स्थित साहा के घर छापा मारा था। तब से उनसे पूछताछ हो रही थी। शाम को साहा ने चकमा देकर रोशनदान से अपने दो मोबाइल फोन और दो पेन ड्राइव और एक हार्डडिस्क को घर के पीछे बने तालाब में फेंक दिया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने तालाब का पूरा पानी निकलवाकर करीब 32 घंटे की तलाशी के बाद उनका केवल एक मोबाइल फोन रविवार को बरामद कर पाई है।

जांच एजेंसी को साहा के घर से कंप्यूटर, तीन नोटपैड और कई संदिग्ध सॉफ्टवेयर मिले हैं। साथ ही नियुक्ति भ्रष्टाचार से संबंधित दो बोरा दस्तावेज बरामद हुए हैं। इनमें प्राथमिक शिक्षकों से लेकर 9वीं 10वीं और 11वीं 12वीं नियुक्ति तक के एडमिट कार्ड हैं। एक अधिकारी ने बताया कि 3400 परीक्षार्थियों के दस्तावेज भी मिले हैं। सिंदूरदान में छुपाकर रखा गया मोबाइल फोन का मेमोरी कार्ड भी बरामद कर लिया गया है।

भारतीय जनता पार्टी के विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने समानांतर "वसूली आयोग" चला रखा था। सबसे अधिक बोली लगाने वालों को सरकारी नौकरियां बेची गई हैं। तृणमूल कांग्रेस ने फिलहाल इस मामले में प्रतिक्रिया नहीं दी है।