सूरत : चेम्बर और जीपीसीपी के संयुक्त प्रयास से पर्यावरण सम्मेलन आयोजित

सम्मेलन में वापी से लेकर दहेज तक के 22 से अधिक संगठनों के पदाधिकारी प्रतिनिधि उपस्थित रहे 

सूरत : चेम्बर और जीपीसीपी के संयुक्त प्रयास से पर्यावरण सम्मेलन आयोजित

पर्यावरण को बनाए रखने के साथ उद्योगों का विकास करने की दिशा में सरकार का प्रयासः मुलुभाई बेरा 

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त पहल से 15 अप्रैल, 2023 को सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक सूरत इंटरनेशनल एक्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर, सरसाना के प्लेटिनम हॉल में एक 'पर्यावरण सम्मेलन' का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में गुजरात के वन एवं पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मुलूभाई बेरा उपस्थित थे। गुजरात के वन और पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री मुकेश पटेल इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। संतोष मुंधडा, कार्यकारी निदेशक, आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया लिमिटेड मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

चैंबर के अध्यक्ष हिमांशु बोडावाला ने स्वागत भाषण में कहा कि भारत में बढ़ती जनसंख्या के कारण पेट्रोल-डीजल वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। औद्योगिक उत्पादन में उपयोग होने वाले पेट्रोलियम उत्पादों के कारण वातावरण में कार्बन की मात्रा बढ़ रही है और इसी कारण हम पहले से अधिक गर्मी का अनुभव कर रहे हैं। इन सभी स्थितियों से निपटने के लिए भारत सरकार और गुजरात सरकार द्वारा अपशिष्ट जल नीतियों, नवीकरणीय ऊर्जा नीतियों और इलेक्ट्रिक वाहन उपयोग नीतियों का पुनर्चक्रण किया गया है। औद्योगिक गतिविधियों को शहर से दूर रखने से ही शहर का वातावरण स्वच्छ होगा, इसलिए सरकार देश में शहरों से दूर बड़े से बड़े पार्कों की स्थापना कर रही है।

 सूरत के पास नवसारी के वांसी बोरसी में पीएम मित्रा पार्क भी सरकार की इन्हीं नीतियों का प्रतिबिंब है। सूरत शहर में रंगाई और छपाई मिलों और वॉटरजेट इकाइयों को पीएम मित्रा पार्क में स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे सूरत शहर की कार्बन सांद्रता निश्चित रूप से कम होगी। आज के कॉन्क्लेव में पर्यावरण विशेषज्ञ केंद्र सरकार और राज्य सरकार के पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कानूनों और विनियमों और इस संबंध में सरकार की नीतियों के बारे में जानकारी दी।

गुजरात के वन एवं पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मुलुभाई बेरा ने कहा कि सूरत को विश्व स्तर पर प्रसिद्ध करने वाली 'उत्सर्जन व्यापार योजना परियोजना' सूरत की अनूठी विशेषता है। सरकार पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ उद्योगों के सतत विकास की दिशा में प्रयास कर रही है। इसके लिए सात नए सीईटीपी प्लांट और आठ सूएज ट्रीटमेंट प्लांट का काम चल रहा है। जर्मनी, जापान जैसे कई विकसित देश आज पर्यावरण को लेकर सूरत प्रशासन और उद्योगों से हाथ मिलाने को तैयार हैं। सरकार ने एक ड्रीम प्रोजेक्ट शुरू किया है, जहां गुजरात के हर कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट से पैदा होने वाले पानी को ट्रीटमेंट के बाद दूर समुद्र में बहाया जा सकता है।

 उन्होंने प्रदेश के औद्योगिक घरानों से अनुरोध किया कि वे पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदेश की विकास यात्रा में सहभागी बनें। उन्होंने औद्योगिक घरानों से निवेदन के लिए राज्य सरकार के दरवाजे खुले होने की बात कहते हुए प्रदूषण से निपटने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। 

 

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