सूरत : चैंबर की महिलाएं हुई सक्रिय, उपाध्यक्ष पद पर महिला चेहरे को पदासीन करने के मुड़ में

रोचक मोड़ ले सकता है इस बार चैंबर ऑफ कोमर्स का चुनाव

सूरत : चैंबर की महिलाएं हुई सक्रिय, उपाध्यक्ष पद पर महिला चेहरे को पदासीन करने के मुड़ में

आठ दशकों से सूरत सहित दक्षिण गुजरात के उद्योग जगत का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रति‌ष्ठित संस्था द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स के इस बार के चुनाव रोचक मोड़ ले सकते हैं। उपाध्यक्ष पद के लिये होने वाले चुनाव में हमेशा की तरह इंडस्ट्री के नामी-गिरामी पुरुष चेहरे अपनी जोर-आजमाईश करते दिख रहे हैं। लेकिन इस बाद लगता है कुछ नया होगा। जी हां, अब तक पर्दे के पीछे से चैंबर के कामकाज में उपयोगी भूमिका निभाने वाली महिला इकाई की सदस्यों ने उपाध्यक्ष पद के लिये महिला चेहरे को पदासीन करने की पैरवी लगा दी है। इसके लिये उन्होंने बाकायदा सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित जागरूकता पत्र तैयार किया गया है और क्षेत्र के सांसदों, मंत्रियों और मीडिया तक पहुंचा कर इस विषय में माहौल तैयार करने के साथ समर्थन जुटाने का अभियान छेड़ दिया है।

चैंबर रूपी व्यापारी-महाजनों की इस संस्था की महिला इकाई की सदस्यों का मानना है कि वे वर्षों से महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ व्यापार-धंधे में आने वाली दिक्कतों के निवारण के लिये, उपयोगी प्रेजेन्टेशन तैयार करने से लेकर सेमीनारों, वर्कशॉप, कोन्क्लेव सहित के आयोजनों में परिणाम लक्षी भागीदारी कर रही हैं। चैंबर की महिला इकाई ने अपनी साख भी समाज में स्थापित की है। 

महिला सदस्यों का कहना है उन्होंने हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा और कौशल दिखाया है, बावजूद इसके बार-बार क्यों महिलाओं को अपनी क्षमता प्रमाणित करनी पड़ती है? टेक्सटाइल और हीरा क्षेत्र में अपनी पहचान कायम करने वाले सूरत शहर की प्रतिनिधि संस्था चैंबर में आठ दशकों से पुरुषों का वर्चस्व रहा है। शहर में एक से बढ़कर एक महिला प्रतिभाएं हैं जो संस्था का प्रतिनिधित्व और नेतृत्व करने करने में समक्ष हैं। 

चैंबर की इन महिला सदस्यों के सवाल उठाया है कि एक ओर हम समाज में महिलाओं को समान अवसर देने की बातें करते हैं, दूसरी ओर आठ दशकों से संस्था के प्रमुख पद पर एक महिला चेहरे को नहीं बैठा पाए हैं, यह कैसा दोगलापन है? क्यों संस्था के पुरुष सदस्य किसी महिला को सर्वोच्च पद के लिये उम्मीदवार नहीं बनाते? जब देश के सर्वोच्च पद पर राष्ट्रपति के रुप में महिला पदासीन हो सकती हैं तो सूरत के उद्योग जगत की इस प्रतिनिधि संस्था में क्यों नहीं? महिला सदस्यों ने आह्वान किया है कि दक्षिण गुजरात के आला उद्यमी और चैंबर के सदस्य आगे आएं और हमारी सभ्यता और संस्कृति की साख कायम रहे इस प्रकार उदार विचारों के साथ महिला को नेतृत्व देने के लिये पहल करें। 

हमेशा से ऐसा चलन रहा है कि चैंबर कार्यकारिणी के चुनाव में दावेदारी करने वाली महिला प्रतिनिधियों को समझा-बूझा कर चुनाव से हटा लिया जाता है। लेकिन जिस प्रकार महिला इकाई ने इस बार कमर कसी है, और यदि कोई चेहरा उपाध्यक्ष पद के लिये दावेदारी करती हैं और आखिरी वक्त तक मैदान में डटी रहती हैं, तो चैंबर का इस बार का चुनाव रोचक मोड़ ले सकता है। देखना होगा आने वाले दिनों में चुनावी सगर्मिंयां क्या बानगी प्रस्तुत करती है।