गुजरात : जूनियर क्लर्क की परीक्षा नौ अप्रैल को, राज्य सरकार छात्रों  को यात्रा भत्ता देगी

बैंक विवरण और कॉल लेटर की पुष्टि करने के बाद प्रति परीक्षार्थी को 254 रुपये का भुगतान परीक्षा के पूरा होने के बाद किया जाएगा

गुजरात : जूनियर क्लर्क की परीक्षा नौ अप्रैल को, राज्य सरकार छात्रों  को यात्रा भत्ता देगी

30 अप्रैल को तलाटी की परीक्षा लेने की तैयारी लेकिन जरूरी केंद्र नहीं मिले

गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड द्वारा जूनियर क्लर्क परीक्षा 9 अप्रैल को आयोजित की जाएगी। प्रभारी अध्यक्ष हसमुख पटेल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। हसमुख पटेल ने ट्वीट कर बताया कि 31-03-2023 को दोपहर 1 बजे से अभ्यर्थी जूनियर क्लर्क परीक्षा के लिए कॉललेटर डाउनलोड कर सकेंगे।  इसके अलावा, सरकार उम्मीदवारों को यात्रा भत्ता भी प्रदान करेगी। सरकार प्रत्येक परीक्षार्थी को 254 रुपये एसटी किराया देगी। यह राशि आयोग को दे दी गई है। परीक्षा समाप्त होने के बाद, बैंक विवरण और कॉल लेटर की पुष्टि करने के बाद पैसे का भुगतान किया जाएगा।

एसटी बसों की भी सुविधा होगी

हसमुख पटेल ने पत्रकार वार्ता में कहा कि यह किराया परीक्षार्थी को स्वयं वाहन में आने की सुविधा के लिए दिया जाएगा। अभ्यर्थियों के लिए सरकार द्वारा एसटी बसों की सुविधा भी दी जाएगी। सरकार की ओर से कहा गया है कि परीक्षा केंद्रों को जानबूझकर दूर रखा गया है। फिर भी यदि किसी के ध्यान में कोई अनियमितता आती है तो तत्काल ध्यान दिलाने का अनुरोध किया जाता है। स्वयंसेवी संस्थाओं से भी अपील की गई है कि वे छात्रों की यथासंभव मदद करें।

इस परीक्षा को कराने के लिए 30 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे

जो परीक्षार्थी पिछली बार परीक्षा देने वाले थे वही इस बार परीक्षा दे रहे हैं। इस बार आयोग द्वारा परीक्षा को सख्ती से लागू किया जाएगा। हालांकि छात्रों से सतर्क रहने को कहा गया है। पिछली बार पुलिस की सतर्कता से परीक्षा में गड़बड़ी का खुलासा हुआ था। इस बार परीक्षार्थियों से खुद जागरूक रहने की अपील की गई है। इस परीक्षा को कराने के लिए 30 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा बीस करोड़ रुपए किराया देना होगा।

तलाटी परीक्षा 30 अप्रैल को कराने की तैयारी

हसमुख पटेल ने बताया कि आयोग द्वारा तलाटी परीक्षा 30 अप्रैल को कराने की तैयारी कर ली गयी है। लेकिन पर्याप्त परीक्षा केंद्र नहीं मिले हैं। 17 लाख अभ्यर्थियों के मुकाबले 14 लाख अभ्यर्थियों के बैठने की व्यवस्था हो गई है। कुछ कॉलेजों को आयोग की ओर से दिया जाने वाला पारिश्रमिक अपर्याप्त होने के कारण कॉलेज नहीं मिले हैं।