राजकोट : आकर्षण का केंद्र बना हस्तशिल्प हाट, तीन दिन में बिका 60 लाख से अधिक का सामान

तीन दिनों के दौरान बड़ी संख्या में राजकोटवासी मेले में आए

राजकोट : आकर्षण का केंद्र बना हस्तशिल्प हाट, तीन दिन में बिका 60 लाख से अधिक का सामान

हस्तशिल्प हाट मेले का आयोजन सफल रहा

राजकोट के शास्त्री मैदान में नॉर्थ ईस्टर्न हैंडीक्राफ्ट एंड हैंडलूम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NEHHDC) और इंडेक्स्ट-सी के समन्वय से "एक भारत श्रेष्ठ भारत" थीम पर तीन दिवसीय "हस्तकला हाट" प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस हस्तशिल्प हाट मेले का आयोजन सफल रहा और तीन दिनों के दौरान बड़ी संख्या में राजकोटवासी मेले में आए।

3 दिन में बिक गया 60 लाख का सामान

तीन दिन में कारीगरों ने कुल 60 लाख 15 हजार रुपये की बिक्री की। पहले दिन 17 लाख 64 हजार, दूसरे दिन 26 लाख 48 हजार और तीसरे दिन 16 लाख 64 हजार रुपये की कमाई की। उत्तर पूर्व के 48 कारीगरों, गुजरात के 57 कारीगरों और लाइव डेमो से 10 कारीगरों सहित 104 कारीगरों ने तीन दिनों में कुल 60 लाख से अधिक की बिक्री की।

साड़ियां, बांस की वस्तुएं- फर्नीचर सर्वाधिक आकर्षण

सबसे ज्यादा असम और नागालैंड राज्य के कारीगरों ने बेचा है। साड़ियां, बांस के उत्पाद और फर्नीचर की ज्यादा बिक्री हुई है। इस हस्तशिल्प मेले में असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा समेत 8 राज्यों के 100 से ज्यादा कारीगरों ने क्राफ्ट स्टॉल लगाए।

50 से अधिक स्टालों में गुजरात के हस्तशिल्प

इस मेले में 50 से अधिक स्टालों पर गुजरात राज्य का माटी काम, कच्छी बांधनी, अजरख ब्लॉक प्रिंट, कच्छी एम्ब्रोडरी, लेदर वर्क, बीड वर्ड, डबल इकत पटोला, कच्छी शॉल, हैंडलूम वीविंग, साड़ी- दुपट्टा- शॉल वूलन- हैंडलूम आइटम, पेच वर्क, मीनाकारी वर्क, मोतीकाम होम डेकोरेशन का प्रदर्शित किया गया था।  इसके साथ ही शीतल पट्टी, बेंत और बांस, मोती काम, ब्लेक स्मिथ, सूखी फूलों की टोकरी ट्रे, जूट-लकड़ी का काम, आभूषण, गुड़िया और खिलोने, कपड़ा, हथकरघा और हस्तशिल्प आदि विभिन्न कला और शिल्प के कारीगर भी इस मेले में पधारे थे। 

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