वडोदरा : गर्मियों में तैराकों की संख्या बढ़ी, एमएसयू के स्वीमिंग पूल में एक भी कोच नहीं 

एमएस यूनिवर्सिटी का स्वीमिंग पूल अभी तक नहीं खुला है

वडोदरा : गर्मियों में तैराकों की संख्या बढ़ी, एमएसयू के स्वीमिंग पूल में एक भी कोच नहीं 

गर्मियां आते ही शहर के निगम द्वारा संचालित स्वीमिंग पूलों में भीड़ उमड़ने लगी है

गर्मियां आते ही शहर के निगम द्वारा संचालित स्वीमिंग पूलों में भीड़ उमड़ने लगी है, लेकिन एमएस यूनिवर्सिटी का स्वीमिंग पूल अभी तक नहीं खुला है। इस बार स्वीमिंग पूल की मरम्मत के चलते देरी हुई है। हालांकि अब मरम्मत लगभग पूरी हो चुकी है और स्विमिंग पूल बहुत जल्द चालू हो जाएगा, दूसरी समस्या यह है कि विश्वविद्यालय में स्विमिंग कोच नहीं है। विश्वविद्यालय के पवेलियन के स्विमिंग पूल में केवल एक स्थायी कोच था। जो तीन साल पहले सेवानिवृत्त हुए हैं। इसके अलावा अस्थाई रूप से कार्यरत एक अन्य कोच ने दिसंबर माह में ही नौकरी छोड़ दी है।

तैराकी सिखाने के लिए शारीरिक शिक्षा विभाग के पास एक भी कोच नहीं

लिहाजा तैराकी सिखाने के लिए शारीरिक शिक्षा विभाग के पास एक भी कोच नहीं है। विवि में बोटिंग अटेंडेंट के पद पर कार्यरत एक कर्मचारी से स्विमिंग कोच की नौकरी ली जा रही है। हालांकि गर्मियों में जब विश्वविद्यालय के ही छात्रों और स्टाफ सदस्यों की भीड़ अधिक होती है तो यह एक कोच भी नहीं रह पाता है। सूत्रों का कहना है कि स्विमिंग सीखने वालों की संख्या ज्यादा होने पर कम से कम दो कोच की जरूरत होती है। ताकि स्वीमिंग पूल पर नजर रखी जा सके और कोई हादसा न हो। यदि एक ही कोच द्वारा स्विमिंग पूल संचालित किया जाता है और कोई अप्रिय घटना होती है तो कौन जिम्मेदार होगा?

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